Waqf Bill: वक्फ बिल को लेकर दारुल उलूम और जमीयत ने जताई कड़ी आपत्ति, कहा- मुसलमान स्वीकार नहीं करेंगे यह कानून

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
On

सहारनपुर। वक्फ संशोधन बिल के लोकसभा में पारित होने और राज्यसभा में आज हो रही बहस के बीच देवबन्दी और बरेलवी दोनों मसलकों के मुस्लिम इदारों और उलेमाओं ने इस पर कड़ी आपत्ति नाराजगी जताई। दारुल उलूम की ओर से उसके चांसलर (मोहतमिम) मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी बनारसी ने गुरुवार को कहा कि वक्फ संशोधन बिल कानून बनता है तो यह इतिहास का काला अध्याय होगा।

मोहतमिम नोमानी ने कहा कि यह कानून मुसलमानों को स्वीकार नहीं होगा। यह मुसलमानों के धार्मिक मामलों में सीधा दखल है, जिससे देश के मुसलमानों में गहरी नाराजगी है। जमीयत उलमाएं हिंद के दोनों धड़ों के राष्ट्रीय अध्यक्षों मौलाना अरशद मदनी ओर महमूद मदनी (पूर्व सांसद) ने इस बिल के खिलाफ अपनी नाराजगी जताई है।

अरशद मदनी दज्ञयल उलूम के सदर मुदर्रिस भी है, कहा कि जमीयत इसके खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ी। मौलाना अरशद ने कहा कि बिल से मुसलमानों की धाम्रिक आजादी छीनेगी। मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि यह बिल लाकर सरकार ने मुसलमानों को लेकर बहुसंख्यकवादी मानसिकता जाहिर कर दी है। मौलाना महमूद ने माना का वक्फ कानून में सुधारों की जरूरत थी, पर यह संशोधन बिल हमें स्वीकार नहीं है।

इस मुद्दे को लेकर सहारनपुर जिले में पुलिस हाई अलर्ट पर है। हालांकि जिले में स्थिति पूरी तरह शांत एवं सामान्य बनी हुई है। गैर मुस्लिमों में भी कोई कानाफूसी या चर्चा नहीं है। लोग इसे पूरी तरह से सियासी मामला बताकर पल्ला झाड रहे है।

यह भी पढ़ें:-मैं इस्तीफा दे दूंगा, भाजपा सांसद आरोप साबित करें, अनुराग ठाकुर को खरगे ने दी चुनौती, जानें पूरा मामला

संबंधित समाचार