हाईकोर्ट: सरकारी जमीन पर बने आवास को गिराने के मामले में आजम खान को फौरी राहत

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सपा पार्टी के नेता और पूर्व सांसद आजम खान को फौरी राहत देते हुए आगामी 5 मई 2025 तक गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। सरकारी अधिवक्ता और विपक्षी संख्या तीन के अधिवक्ता को जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया गया है। इसके साथ ही आजम खान के खिलाफ अग्रिम विवेचना जारी रहेगी।
उक्त आदेश न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता और न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्रा की खंडपीठ ने वर्ष 2007 में रामपुर के गंज थाने में आईपीसी की धाराओं 427, 447, 323, 34, 384 के तहत दर्ज मुकदमे में सपा नेता आज़म खान द्वारा दाखिल जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया है। बता दें कि सरकारी जमीन पर बने मकान को गिराने के आरोप में अफसार खान ने सपा नेता आजम खान के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
इस मामले में विवेचना के बाद अंतिम रिपोर्ट याची के पक्ष में दिसंबर 2007 में ही आ गई थी, जो कि न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में लंबित थी। वर्ष 2017 में अफसार खान की मृत्यु के बाद उसके बेटे जुल्फीकार खान ने 18 साल बाद वर्ष 2024 में अंतिम रिपोर्ट के खिलाफ विरोध याचिका दाखिल की, जिस पर मजिस्ट्रेट ने अग्रिम विवेचना का आदेश दे दिया।
याचिका पर सुनवाई के दौरान अपर महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि 21 जनवरी 2025 के आदेशानुसार जांच शुरू हो गई है और प्रगति पर है। हालांकि याची के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि याची के खिलाफ किसी भी तरह के अपराध का खुलासा नहीं किया गया है। ऐसे में आक्षेपित प्राथमिकी रद्द होने योग्य है।
वहीं सपा नेता आजम खान ने इसी आदेश के खिलाफ अग्रिम विवेचना को रोकने और गिरफ्तारी पर रोक के लिए याचिका दाखिल की थी। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने निष्कर्ष निकाला कि मामले पर विचार की आवश्यकता है। अतः मामले को उपयुक्त पीठ के समक्ष 5 मई 2025 के लिए सूचीबद्ध कर दिया गया। गौरतलब है कि वर्तमान में सपा नेता आजम खान सीतापुर जेल में बंद हैं।
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