इटावा : बैराज के पानी से उफनाई चंबल नदी, कई गांव बाढ़ की जद में

इटावा, अमृत विचार। कोटा बैराज से चंबल नदी में 10 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने से चंबल और यमुना नदी के किनारे बसे गांवों में खतरे की घंटी बज गई है। कुछ ही घंटों में पानी के इटावा पहुंचते ही चंबल नदी खतरे के निशान को पार कर सकती है। बाढ़ की आशंका से प्रशासन ने …
इटावा, अमृत विचार। कोटा बैराज से चंबल नदी में 10 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने से चंबल और यमुना नदी के किनारे बसे गांवों में खतरे की घंटी बज गई है। कुछ ही घंटों में पानी के इटावा पहुंचते ही चंबल नदी खतरे के निशान को पार कर सकती है। बाढ़ की आशंका से प्रशासन ने भी नदी के किनारे गांवों में निगरानी तंत्र को सक्रिय कर दिया है।
बरसात का अत्यधिक पानी बढ़ने से 23 तारीख को कोटा बैराज के 14 गेट खोल कर चार लाख 50 हजार 62 सौ क्यूसेक और राजस्थान के काली सिंध बैराज का जलस्तर बढ़ने से 26 गेट खोल कर पांच लाख 99 हजार 713 सौ क्यूसेक पानी चंबल नदी में छोड़ा गया है। यानी दोनों बांधों से 23 तारीख को 10 लाख 49 हजार 775 सौ क्यूसेक पानी चंबल नदी में छोड़ा गया है। इससे क्षेत्र में चंबल नदी का जलस्तर 122 से 124 मीटर तक बढ़ने का अनुमान है। जो बाढ़ की स्थिति पैदा कर सकता है। चंबल नदी का खतरे का निशान 119.80 मीटर है।
नदी का जलस्तर बढ़ने से क्षेत्र के बंसरी, अचरौली, सलोखरा, कतरोली, पथर्रा, बिहार, इमिलिया, महुआ सूडा, कुंदौल पाली घार, चकरपुरा, बरेछा, मिटहटी, सहसो, भोआ सहित 16 गांवों पर बाढ़ का खतरा बन गया है।
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