स्कूल में शिक्षकों ने राखियों को उतरवाकर डस्टबिन में फेंका, जमकर हंगामा, जानें पूरा मामला
By Amrit Vichar
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कर्नाटक। कर्नाटक के स्कूलों के एक के बाद एक विवाद सामने आ रहे हैं। अब मंगलुरु के एक स्कूल में राखी पर विवाद सामने आया है। जहां स्कूल के शिक्षकों ने न केवल बच्चों को हाथों से राखियां उतारने के लिए मजबूर किया बल्कि कुछ बच्चों के हाथों से तो राखियों को उतारकर डस्टबिन में …
कर्नाटक। कर्नाटक के स्कूलों के एक के बाद एक विवाद सामने आ रहे हैं। अब मंगलुरु के एक स्कूल में राखी पर विवाद सामने आया है। जहां स्कूल के शिक्षकों ने न केवल बच्चों को हाथों से राखियां उतारने के लिए मजबूर किया बल्कि कुछ बच्चों के हाथों से तो राखियों को उतारकर डस्टबिन में फेंक दिया।इस मामले के सामने आने के बाद से ही अभिभावकों में स्कूल प्रशासन के प्रति जबरदस्त रोष है। इसे लेकर कई अभिभावकों ने शुक्रवार को स्कूल परिसर के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया।
घटना मंगलुरु के कटिपल्ला के इन्फैंट मैरी इंग्लिश मीडियम स्कूल की है। मिशनरी स्कूल के शिक्षकों ने स्कूल में रक्षाबंधन त्योहार पर बहनों द्वारा बांधी गईं राखियों को पहनकर गए बच्चों के हाथों से राखियां हटवाईं और उन्हें कचरा बताते हुए डस्टबिन में फेंक दिया।
घटना की जानकारी होने के बाद बच्चों के माता-पिता, अभिभावकों ने इन्फैंट मेरी इंग्लिश स्कूल में विरोध प्रदर्शन किया। हिंदू छात्रों के साथ स्कूल में घटित इस घटना की जानकारी मिलते ही कई हिंदू संगठनों ने भी प्रदर्शन में भाग लिया और स्कूल प्रशासन के रवैये पर कड़ी आपत्ति जताई।
घटना की जानकारी होने के बाद बच्चों के माता-पिता, अभिभावकों ने इन्फैंट मेरी इंग्लिश स्कूल में विरोध प्रदर्शन किया। हिंदू छात्रों के साथ स्कूल में घटित इस घटना की जानकारी मिलते ही कई हिंदू संगठनों ने भी प्रदर्शन में भाग लिया और स्कूल प्रशासन के रवैये पर कड़ी आपत्ति जताई।
हालांकि, मामला आगे बढ़ने पर स्कूल के कन्वेनर फादर संतोष लोबो ने पूरे घटनाक्रम पर सफाई दी है। फादर संतोष लोबो ने कहा कि हमने सभी कर्मचारियों की बैठक की। गलती करने वालों ने माफी मांग ली है और समस्या का समाधान कर दिया गया है।
लोबो के अनुसार, शिक्षकों ने राखी को फ्रेंडशिप बैंड समझ लिया होगा। इसलिए पूरी घटना हुई। स्कूल में राखी पहनकर आने पर कोई पाबंदी नहीं है। लोबो ने कहा कि शिक्षकों ने नासमझी के कारण ऐसा किया होगा। हम धार्मिक परंपराओं में दखल नहीं देते हैं।
लोबो के अनुसार, शिक्षकों ने राखी को फ्रेंडशिप बैंड समझ लिया होगा। इसलिए पूरी घटना हुई। स्कूल में राखी पहनकर आने पर कोई पाबंदी नहीं है। लोबो ने कहा कि शिक्षकों ने नासमझी के कारण ऐसा किया होगा। हम धार्मिक परंपराओं में दखल नहीं देते हैं।