हल्द्वानी: ईद-उल-अजहा पर ईदगाह में नमाज अदा करने उमड़े लोग, काजी-ए- शहर ने दिया ये पैगाम
हल्द्वानी, अमृत विचार। आज ईद उल अजहा यानि बकरीद के मौके पर बड़ी संख्या में नमाजी ईदगाह में नमाज अदा करने के लिए हाजिर हुए। ईद-उल-अजहा एक अवसर है, जिसे बलिदान का त्योहार भी कहा जाता है। इसके अलावा शहर की विभिन्न मस्जिदों में अलग-अलग समयानुसार नमाज अदा की गई। अमन और चैन के लिए …
हल्द्वानी, अमृत विचार। आज ईद उल अजहा यानि बकरीद के मौके पर बड़ी संख्या में नमाजी ईदगाह में नमाज अदा करने के लिए हाजिर हुए। ईद-उल-अजहा एक अवसर है, जिसे बलिदान का त्योहार भी कहा जाता है। इसके अलावा शहर की विभिन्न मस्जिदों में अलग-अलग समयानुसार नमाज अदा की गई। अमन और चैन के लिए लाखों हाथों से दुआ की।
त्योहार के लिए प्रशासन ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए थे। कुर्बानी को लेकर भी लोगों से अपील की गई कि 12 बजे तक कुर्बानी कर लें वही ट्रंचिंग ग्राउंड में जो अवशेष निस्तारण के लिए गड्डा खोदा गया है, उसी में सभी अवशेषों को डालें। इस मौके पर काजी ए शहर शेख मुहम्मद आजम कादरी ने आवाम के नाम पैगाम देते हुए कहा कि कुर्बानी का मकसद अल्लाह की बारगाह में खुद को पेश करना है।
उन्होंने कहा कि कुर्बानी हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम की सुन्नत है, जिसका पालन करने के लिए जरुरी है कि हम हर क्षेत्र में कुर्बानी दें यानि आत्म बलिदानी दें। हमें अपनी सभी आपसी बुराइयों को पीछे छोड़ते हुए अपने क्षेत्र और राष्ट्र के विकास और सामूहिक कल्याण के लिए काम करने चाहिए। उन्होंने कहा कि जानवरों की कुर्बानी के साथ ही हमें अपनी नफ्स की भी कुर्बानी देनी होगी यानि पाखंड, झूठ, नशाखोरी समेत दूसरी बुराइयों से भी बचना होगा। हमें उन कामों से बचना होगा जिन्हें अल्लाह ने मना किया है। हर बंदे को उन्हीं कामों का करना चाहिए जिनका अल्लाह ने हुक्म दिया है ताकि हम अल्लाह के नेक बंदों में गिने जा सकें।