बरेली: डेलापीर इलाके में 9 हजार घरों की 3 घंटे गुल रही बिजली

अमृत विचार,बरेली। डेलापीर इलाके में बिजली का फाल्ट होने से 9 हजार घरों की बिजली 3 घंटे तक गुल रहने से उपभोक्ताओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं छोटी विहार के उपभोक्ताओं को भी बिजली कटौती का संकट झेलना पड़ा। कुतुबखाना में मंगलवार को टूटा तार जोड़ने के बाद बुधवार को उसमें फ्लैश …
अमृत विचार,बरेली। डेलापीर इलाके में बिजली का फाल्ट होने से 9 हजार घरों की बिजली 3 घंटे तक गुल रहने से उपभोक्ताओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं छोटी विहार के उपभोक्ताओं को भी बिजली कटौती का संकट झेलना पड़ा। कुतुबखाना में मंगलवार को टूटा तार जोड़ने के बाद बुधवार को उसमें फ्लैश ओवर हो गया। जिससे वहां पर फिर से बिजली कटौती की गई। वहीं देहात क्षेत्र में 8 से 9 घंटे की बिजली कटौती का क्रम जारी रहा।
डेलापीर में स्थित 33 केवी लाइन में मंगलवार रात करीब आठ बजे छोटी विहार के पास फाल्ट आ गया। इसकी जानकारी बिजली विभाग के कंट्रोल रूम में करीब 8:30 बजे दी गई। इसके बाद बिजली कर्मचारियों ने फाल्ट खोजकर उसे सही कराया। इसमें करीब चार घंटे का वक्त लग गया। इससे हजारों घरों को परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं, कुतुबखाना में 33 केवी की लाइन टूटने के बाद किसी तरह 8 बजे बिजली आपूर्ति बहाल की जा सकी। इसके बाद रात 10 बजे के करीब फ्लैश ओवर हो गया। इससे भी देर रात तक बिजली आपूर्ति नहीं हो सकी। वहीं 8 से 9 घंटे की बिजली कटौती ग्रामीण क्षेत्रों में की गई। जबकि 18 घंटे बिजली आपूर्ति करने के स्पष्ट निर्देश हैं इसके अलावा ट्रिपिंग लो वोल्टेज और फाल्ट की समस्या भी परेशान करते रहे। तहसील क्षेत्र में 5 घंटे की कटौती लगभग की इससे वहां भी लोगों को खासी परेशानी है।
लखौरा गांव में 10 दिन में फुंके तीन ट्रांसफार्मर
कैंट क्षेत्र के गांव लखौरा में 10 दिन में फुंके तीन ट्रांसफार्मर फुक जाने से बिजली कटौती का संकट गहरा गया है। पूरे गांव में 400 कनेक्शन होने से एक ट्रांसफार्मर लोड नहीं उठा पा रहा है। बिजली विभाग के कर्मचारी कम क्षमता वाला ट्रांसफार्मर लेकर गांव में लगाने पहुंचे तो गांव के लोगों ने ट्रांसफार्मर लगाने से इंकार कर दिया। उसके बाद करीब 50 से 60 लोग सर्किट हाउस के सामने मुख्य अभियंता संजय जैन के कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन करने के लिए पहुंचे। अधिकारियों ने जल्द ही उनकी समस्या के समाधान का आश्वासन दिया है। जिसके बाद ग्रामीण अपने घरों को वापस लौट गए।
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