बहराइच: मुख्य वन संरक्षक और फील्ड डायरेक्टर की मौजूदगी में डॉक्टरों ने की बाघिन की स्वास्थ्य जांच

बहराइच: मुख्य वन संरक्षक और फील्ड डायरेक्टर की मौजूदगी में डॉक्टरों ने की बाघिन की स्वास्थ्य जांच

बहराइच। कतरनिया घाट रेंज के मझरा बीट में देर रात को वृद्ध बाघिन पिंजड़े में कैद हो गई। बाघिन के कैनाल टूटे हुए हैं। ऐसे में वन विभाग संभावना जाता रहा है कि बाघिन द्वारा ही लोगों पर हमले किए जा रहे थे, लेकिन नरभक्षी डॉक्टरों की रिपोर्ट पर ही घोषित किया जायेगा। फिलहाल उसे …

बहराइच। कतरनिया घाट रेंज के मझरा बीट में देर रात को वृद्ध बाघिन पिंजड़े में कैद हो गई। बाघिन के कैनाल टूटे हुए हैं। ऐसे में वन विभाग संभावना जाता रहा है कि बाघिन द्वारा ही लोगों पर हमले किए जा रहे थे, लेकिन नरभक्षी डॉक्टरों की रिपोर्ट पर ही घोषित किया जायेगा। फिलहाल उसे चिड़ियाघर भेजने की प्रक्रिया चल रही है। मौके पर मौजूद मुख्य वन संरक्षक और फील्ड डायरेक्टर भी सारी कार्यवाई को पूरा करने में लगे हुए हैं।

कतरनियाघाट वन्यजीव प्रभाग के मझरा बीट में बीते 20 दिनों से जंगल की तरफ जाने वाले लोगों को बाघ और बाघिन निवाला बना रहे थे। दो दिन पूर्व वन विभाग के पिंजड़े में एक बाघ कैद हो गया था। अन्य बाघ और बाघिन के मौजूद होने का मूवमेंट मिला। जिस पर पिंजड़ा अन्य स्थान पर लगा छोड़ दिया गया। वन कर्मी निरंतर निगरानी कर रहे थे।

बुधवार देर रात को एक बाघिन पिंजड़े में कैद हो गई। मौके पर मौजूद रहे मुख्य वन संरक्षक कमलेश कुमार, फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक और डीएफओ आकाशदीप वधावन बाघिन को लेकर कतरनियाघाट रेंज कार्यालय लाए। यहां पर बाघिन का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। विश्व प्रकृति निधि भारत, डब्लूटीआई और पशु चिकित्सक की टीम ने स्वास्थ्य परीक्षण किया।

जिसमें बाघिन के बाईं ओर के कैनाल टूटे होने और घिसे होने की पुष्टि हुई। ऐसे में वन विभाग बाघिन के द्वारा ही वारदात को अंजाम देने का जिम्मेदार माना जा रहा है। हालांकि अभी पूरी तरह से नरभक्षी घोषित नहीं किया है। लेकिन उम्र और परिस्थितियों के आधार पर विभाग इसे चिड़िया घर भेजने की तैयारी में लग गया है। डीएफओ आकाशदीप वधावन ने बताया कि प्रथम दृष्टया बाघिन के द्वारा ही हमले किए जा रहे थे। लेकिन नरभक्षी डॉक्टरों की रिपोर्ट पर ही घोषित किया जा सकता है। फिलहाल अन्य जांच चल रही है।

तेंदुए की भी मिली उपस्थिति

मझरा बीट में जिस स्थान पर बाघ और बाघिन दो दिन के अंतराल में पकड़े गए हैं। वहां पर के तेंदुए की भी आमद मिली है। वन विभाग द्वारा लगाए गए थर्मो सेंसर कैमरे में तेंदुए की तस्वीर कैद हुई है। डीएफओ का कहना है कि सभी के मौजूदगी की जांच चल रही है।

कार्यालय में बाघ को खिला रहे मांस

कतरनियाघाट रेंज के मझरा बीट में 28 जून की रात को पिंजड़े में कैद हुआ बाघ अभी तक रेंज कार्यालय में ही है। डीएफओ आकाशदीप वधावन ने बताया कि बाघ पूरी तरह से स्वस्थ है। ऐसे में उसके खानपान की देखभाल चल रही है। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की जांच में बाघ सही निकला तो उसे जंगल में छोड़ दिया जायेगा।

40 कैमरे और चार हथिनी कर रहे निगरानी

डीएफओ ने बताया कि घटना वाले क्षेत्र में 40 थर्मो सेंसर कैमरे से निगरानी की जा रही है। जबकि चार हथिनी और चार रेंज ने वन कर्मी निरंतर निगरानी कर रहे हैं।

पढ़ें-पीलीभीत: रिहायशी इलाके में रहने वाले केन टाइगरों पर मंडराया खतरा