बरेली: मौलाना तौकीर रजा का विवादों से पुराना नाता, जानिए…किन बयानों पर हुआ जमकर विवाद

बरेली: मौलाना तौकीर रजा का विवादों से पुराना नाता, जानिए…किन बयानों पर हुआ जमकर विवाद

बरेली, अमृत विचार। इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खान पर अक्सर भड़काऊ बयानबाजी करने के आरोप लगते रहते हैं, जिसको लेकर आईएमसी प्रमुख आए दिन चर्चा में रहते हैं। कई बार वह अपने बयानों की वजह से मुश्किलों में भी फंस चुके हैं। धर्म के साथ ही राजनीतिक मुद्दों पर मौलाना का बयान …

बरेली, अमृत विचार। इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खान पर अक्सर भड़काऊ बयानबाजी करने के आरोप लगते रहते हैं, जिसको लेकर आईएमसी प्रमुख आए दिन चर्चा में रहते हैं। कई बार वह अपने बयानों की वजह से मुश्किलों में भी फंस चुके हैं। धर्म के साथ ही राजनीतिक मुद्दों पर मौलाना का बयान आग में घी डालने का काम करता है। मौलाना के बयान के बाद देश में चल रहे संप्रदायक मामलों और सियासी खेमों में हलचल मच जाती है।

बता दें कि मौलाना तौकीर रज़ा खान सुन्नी बरेलवी मसलक के संस्थापक आला हज़रत के खानदान से ताल्लुक रखते हैं वह 2001 में गठित आईएमसी (इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल) नामक राजनीतिक संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। उनके पिता रेहान रज़ा खां भी राजनीति में सक्रियता के कारण पहचाने जाते थे। इसी क्रम में हम आपको बताएंगे कि मौलाना के किन-किन बयानों ने देश भर में हलचल मचा दी थी।

बटला हाउस में हमारे बच्चों को आतंकी कहकर मार डाला गया
बटला हाउस में मारे गए आतंकियों के समर्थन में मौलाना बोले, जो इंस्पेक्टर शर्मा मारे गए उनका कत्ल हुआ, उनको भी उनकी पुलिस ने मारा था। उस वक्त जांच नहीं कराई गई, कांग्रेस ने कहा कि इससे पुलिस का मनोबल टूटेगा। उन्हें पुलिस के मनोबल की ज्यादा परवाह थी 20 करोड़ मुसलमानों के मनोबल की उन्हें परवाह नहीं थी। हमारे बच्चों को आतंकवादी कहकर मार डाला गया।

बटला हाउस में जो मारे गए उन्हें शहीद का दर्जा मिलना चाहिए था
बटला हाउस में मारे गए आतंकवादियों के लिए मौलाना ने दुख जताते हुए कहा कि 2009 में जब मैं कांग्रेस के साथ खड़ा था और कांग्रेस को जिताया था, तब मैंने मंच से कहा था कि कांग्रेस ये न समझे कि उसको माफ कर दिया है, अभी मुसलमानों ने आपको पैरोल पर छोड़ा है। अगर आपका काम आगे ठीक रहेगा तो आपके बारे में आगे सोचा जाएगा, लेकिन उन्होंने समझा कि अब सरकार बन गई है। उन्होंने मुझसे कहा था कि सरकार बनने के बाद सबसे पहले हम बटला हाउस एनकाउंटर की जांच कराएंगे। अगर बटला हाउस एनकाउंटर की जांच करा ली होती तो दुनिया को पता चल जाता कि जो मारे गए, वो आतंकी नहीं थे उन्हें शहीद का दर्जा मिलना चाहिए था।

इंकलाब हमेशा खून बहा कर लाया गया है…
तौकीर रजा ने CAA,NRC को लेकर चल रहे विवोदों के बीच मीडिया से कहा कि अंग्रेजी हुकूमत में भी इंकलाब के लिए हिंदुस्तानियों ने अपना खून बहाया था। इसलिए इस काले कानून के विरोध में भी ऐसा ही इंकलाब सड़कों पर दिखाई दे। उन्होंने कहा कि केंद्र की सरकार मुल्क का माहौल खराब करने में लगी है। वहीं धरने पर बैठने वालों के साथ जिला प्रशासन और पुलिस जुल्म कर रही है। इसलिए इंकलाब लाने का वक्त है। अंग्रेजी हुकूमत में भी पुलिस ने इसी तरह से बर्बरता की थी। हिंदुस्तानियों ने पुलिस की लाठी डंडे तक खाए, तब जाकर मुल्क को आजादी मिली। इसी तरह आज इस नए कानून के विरोध में हमें इंकलाब लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इंकलाब हमेशा खून बहा कर लाया गया है। हमें किसी पर हमलावर नहीं होना है, सिर्फ अपना खून बहा कर अपनी आवाज उठानी है।

किसी भी मस्जिद में अगर जबरदस्ती की गई तो इसका खामियाजा सरकार को भुगतना होगा
वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर मौलाना ने कहा कि अब किसी भी मस्जिद में अगर जबरदस्ती की गई तो इसका खामियाजा सरकार को भुगतना होगा। उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी का सर्वे बंद कमरों के लिए होना था, खुले हौज के लिए नहीं। तौकीर ने कहा कि यह संविधान का उल्लंघन है। उन्होंने दावा किया कि हौज में खड़े फव्वारे को शिवलिंग बताकर हिंदू मजहब का मजाक उड़ाया जा रहा है और इसके खिलाफ हिंदू भाइयों को खड़ा होना पड़ेगा।

गोली चले या लाठी चले, किसी भी कीमत पर प्रदर्शन रद नहीं किया जाएगा
बरेली में आईएमसी प्रमुख मौलाना तौक़ीर रज़ा ने 17 जून को नुपूर शर्मा के विरोध में प्रदर्शन का ऐलान किया था, जिसे स्थगित कर 19 जून (रविवार) को कर दिया गया था। प्रदर्शन न हो इसके लिए पुलिस प्राशाशन तमाम कोशिशें कर रही थी। जिसके बाद गुस्साए मौलाना ने कहा कि यदि इतवार को प्रदर्शन नहीं करने दिया जाएगा तो फिर शासन, प्रशासन, पुलिस किसी की कोई बात नहीं सुनी जाएगी। इतवार को चाहें गोली चले या लाठी चले, किसी भी कीमत पर प्रदर्शन रद नहीं किया जाएगा।

प्रधानमंत्री मोदी महाभारत के धृतराष्ट्र का रोल निभा रहे हैं
पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी वाले विवाद के चलते मौलाना तौक़ीर रज़ा ने कहा कि नूपुर तो एक मोहरा है उसकी लगाम कहीं और है। उन्होंने कहा कि नूपुर शर्मा को गिरफ्तार किया जाये क्योंकि सामने आकर अपराध उसने किया है और उस अपराध को अपराध मान लिया गया तभी उसे पार्टी से निलंबित किया गया है। लेकिन प्रधानमंत्री का मौन यह बताता है कि अपराधियों की सरपरस्ती कौन कर रहा है? अपराधियों की सरपरस्ती की जा रही है। इसका मतलब यह है कि महाभारत में जो धृतराष्ट्र हम ने देखा है वो धृतराष्ट्र वाला रोल आज नरेंद्र मोदी निभा रहे हैं। उसने भी अपराधियों का साथ दिया था, बेईमानों का साथ दिया था और आज भी बेईमानों का साथ दिया जा रहा है। हम प्रधानमंत्री से चाहते हैं कि वह अपनी जबान खोलें और बयान जारी करें। पीएम यह बताएं कि वह देश को किस रास्ते पर लेकर जाना चाहते हैं। देश में एकता और भाईचारे का माहौल बनाना चाहते हैं या देश को 80 और 20 की लाइन पर ले जाना चाहते हैं। जब तक प्रधानमंत्री वजाहत नहीं करेंगे हमारे यह धरने प्रदर्शन केवल बरेली में नहीं पूरे हिंदुस्तान में होगा और लगातार होता रहेगा।

प्रधानमंत्री कलमा पढ़कर इस्लाम कबूल करें
19 जून को मौलाना तौकीर रजा खां ने पैगंबर मोहम्मद पर की गई विवादित टिप्पणी के विरोध में हो रहे प्रदर्शन के दौरान भड़काऊ भाषण देते हुए कहा कि मैं प्रधानमंत्री और अमित शाह को दावत देता हूं। इस्लाम में ऊंच नीच नहीं है। क्योंकि सफाई वाला भी नमाज पढ़ने आता है तो साथ खड़ा होता है। मोक्ष का रास्ता किसी को चाहिए तो इस्लाम में ही मिल सकता है। हजरत उमर जब कुफ्र की हालत में थे तब पैगंबर को कत्ल करने की सोचते थे। मगर बाद में वह ईमान ले आए और खलीफा बने। उसी तरह नरेंद्र मोदी कलमा पढ़कर इस्लाम कबूल करें।

2010 में हिरासत में लिए गए मौलाना तौकीर रजा खान
उत्तर प्रदेश पुलिस ने तौकीर रज़ा खान को 2010 में बरेली के हिंदू मुस्लिम संघर्षों में शामिल होने के आरोप में हिरासत में लिया था। इसको देख कर मुस्लिम समाज के लोगों में आक्रोश पैदा हो गया था। मुस्लिम छात्र संगठन और बरकती एजुकेशनल ट्रस्ट ने यह कहते हुए उनकी रिहाई की मांग की कि शहर में हालात नहीं बिगड़ेंगे। पुलिस तौकीर रजा खान को बरी कर दे।

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