शांतिकुंज के बाद दूसरे स्थान पर होगी अयोध्या की गायत्री शक्तिपीठ : डॉ. चिन्मय पंड्या
अयोध्या। अखिल विश्व गायत्री परिवार सदस्य व देव संस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज हरिद्वार के प्रति कुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या ने शुक्रवार को गायत्री शक्तिपीठ में भव्य भवन के लिए शिला पूजन किया। पूजन करने के बाद उन्होंने राम जन्मभूमि में रामलला और हनुमानगढ़ी में हनुमंत लला का दर्शन पूजन किया। डॉ. चिन्मय पंड्या शाम चार अयोध्या …
अयोध्या। अखिल विश्व गायत्री परिवार सदस्य व देव संस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज हरिद्वार के प्रति कुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या ने शुक्रवार को गायत्री शक्तिपीठ में भव्य भवन के लिए शिला पूजन किया। पूजन करने के बाद उन्होंने राम जन्मभूमि में रामलला और हनुमानगढ़ी में हनुमंत लला का दर्शन पूजन किया।
डॉ. चिन्मय पंड्या शाम चार अयोध्या पहुंचे। रामकोट स्थित गायत्री शक्तिपीठ के परिसर में उन्होंने भव्य भवन निर्माण के लिए भूमि पूजन किया। डॉ पंड्या ने बताया कि पूज्य गुरुदेव पंडित श्रीराम आचार्य शर्मा ने 7 जनवरी 1981 को शक्तिपीठ की स्थापना की थी। अब यह शक्तिपीठ सबसे बड़ी शक्तिपीठ बनने जा रही है। शांतिकुंज के बाद दूसरे स्थान पर अयोध्या की शक्तिपीठ होगी।
डॉ. पंड्या ने बताया कि भगवान राम के जीवन से मनुष्य को मर्यादा में रहने की प्रेरणा मिली है। भगवान का पूरा जीवन मर्यादित रहा है। हनुमान लला से प्रत्येक व्यक्ति को भक्ति की प्रेरणा मिलती है। डॉ चिन्मय पंड्या, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय और भाजपा के प्रदेश महामंत्री अमरपाल मौर्य ने नया घाट स्थित राम कथा पार्क में दीप प्रज्वलित कर दीप यज्ञ कार्यक्रम की शुरूआत की। मुख्य अतिथियों ने इस दौरान एक ऑडियोबुक का भी विमोचन किया।
डॉ. पंड्या ने भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि ज्ञान यज्ञ ही सबसे बड़ा यज्ञ है। प्रत्येक व्यक्ति को अधिक से अधिक ज्ञान अर्जन करना चाहिए। चंपत राय ने कहा कि गायत्री महाशक्ति है, जिसे नियमित जप से मनुष्य की सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इस दौरान सरयू के तट पर 11 हजार दीप प्रज्वलित कर गायत्री दीपयज्ञ किया गया।
विश्व स्तर की बनेगी शक्तिपीठ
गायत्री शक्ति पीठ के प्रवक्ता महेंद्र सिंह ने बताया कि अयोध्या में करोड़ों की लागत से गायत्री शक्तिपीठ का भव्य और सुंदर बनाया जा रहा है। पांच मंजिला बनने वाले भवन में कार पार्किंग, सत्संग हाल, भोजनालय, करीब एक हजार यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था को देखते हुए भवन का निर्माण किया जाएगा।
इसके अलावा मंदिर में एक प्रदर्शनी हाल और भव्य द्वार का भी निर्माण किया जाएगा। हालांकि उन्होंने बताया कि पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा स्थापित गायत्री मंदिर और यज्ञशाला का नवीनीकरण अभी नहीं किया जाएगा उसके आसपास के भवनों को तोड़कर भव्य और आकर्षक बनाया जाएगा। यह शक्तिपीठ विश्व स्तर की बनेंगी। जहां देश विदेश के गायत्री साधक आएंगे।
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