हल्द्वानी: चुनावी मैदान में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों ने क्षत्रियों पर जताया अधिक भरोसा

हल्द्वानी: चुनावी मैदान में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों ने क्षत्रियों पर जताया अधिक भरोसा

हल्द्वानी, अमृत विचार। इस बार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस हो या फिर भाजपा दोनों ही दल क्षत्रियों को लुभाने में जुटे हुए हैं। कुमाऊं मंडल में 29 विधानसभा सीटें हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के उम्मीदवार चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतर चुके हैं। टिकट वितरण में जातियों की बात करें …

हल्द्वानी, अमृत विचार। इस बार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस हो या फिर भाजपा दोनों ही दल क्षत्रियों को लुभाने में जुटे हुए हैं। कुमाऊं मंडल में 29 विधानसभा सीटें हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के उम्मीदवार चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतर चुके हैं। टिकट वितरण में जातियों की बात करें तो क्षत्रिय नेताओं को भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही तरजीह दी है। अविभाजित उत्तराखंड के समय से ही यहां पर राजनीति में ब्राह्मण नेताओं का बोलबाला था। जो अब कम हो रहा है। आजादी के बाद अविभाजित उत्तराखंड की राजनीति में ब्राह्मण नेताओं के हाथ में थी।

पंडित गोविंद बल्लभ पंत, हेमवती नंदन बहुगुणा और नारायण दत्त तिवारी जैसे ब्राह्मण नेताओं का यहां बोलबाला रहा। राज्य गठन के बाद भी पहले मुख्यमंत्री के नित्यानंद स्वामी भी ब्राह्मण थे। भाजपा की ओर से भगत सिंह कोश्यारी को मुख्यमंत्री बनाया गया। इसके बाद भुवन चंद्र खंड़ृडी, रमेश पोखरियाल निशंक, विजय बहुगुणा बने। ये तीनों ही ब्राह्मण थे। इसके बाद कांग्रेस से हरीश रावत मुख्यमंत्री बने। भाजपा की ओर से बनाए गए तीनों मुख्यमंत्री क्षत्रिय बिरादरी से ही आते हैं।

::: क्षत्रिय नेताओं की अनदेखी नहीं कर पा रहे राजनीतिक दल
पिछले करीब सात-आठ सालों में राज्य की राजनीति बदल गई। कोई भी पार्टी अब क्षत्रिय नेताओं की अनदेखी नहीं कर रही है। टिकट वितरण में भी उनको वरीयता दी जा रही है। कुमाऊं में भी यही हुआ है। यहां पर 29 सीटों में से छह सीटें आरक्षित हैं। बाकी 23 सीटों में से भाजपा ने आठ तो कांग्रेस ने मात्र छह ब्राह्मण नेताओं को टिकट दिया है। जबकि क्षत्रिय प्रत्याशियों की बात करें तो भाजपा ने 12, कांग्रेस ने 14 क्षत्रिय नेताओं को प्रत्याशी बनाया गया है।

::: दोनों दलों के अध्यक्ष ब्राह्मण नेता
हल्द्वानी। केंद्र की राजनीति में भी यहां से कई ब्राह्मण नेताओं ने बागडोर संभाली है। वर्तमान में ऊधम सिंह नगर-नैनीताल से सांसद अजय भट्ट केंद्र में मंत्री हैं। दोनों ही दलों के अध्यक्ष भी ब्राह्मण हैं। हरिद्वार के विधायक मदन कौशिक भाजपा की कमान संभाल रहे हैं जबकि श्रीनगर के पूर्व विधायक गणेश गोदियाल कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। इसके बावजूद इस समय राजनीति में उनका वर्चस्व कम हो रहा है। जिसका प्रमाण है कि दोनों ही बड़ी पार्टियों ने क्षत्रिय नेताओं को ज्यादा टिकट दिया है।

राज्य में ब्राह्मण-क्षत्रियों में दस प्रतिशत का अंतर
राजनीति के जानकारों का मानना है कि राज्य में कुल मतदाताओं में 25 प्रतिशत ब्राह्मण मतदाता हैं। उत्तर प्रदेश की अपेक्षा यहां ब्राह्मण मतदाताओं का प्रतिशत ज्यादा है। हालांकि क्षत्रिय मतदाताओं का प्रतिशत 35 प्रतिशत के आसपास माना जाता है। इस वजह से इस समय टिकट वितरण में क्षत्रिय नेताओं को ज्यादा वरीयता दी जा रही है।

कुमाऊं की 29 सीटों पर भाजपा और कांग्रेस ने ऐसे किया टिकट वितरण-

पार्टी ब्राह्मण ठाकुर सिक्ख पंजाबी वैश्य बंगाली एससी एसटी
भाजपा 8 12 1 1 1 0 5 1
कांग्रेस 6 14 1 1 0 1 5 1