लखनऊ: अब निमोनिया व अस्थमा के रेगियों का इलाज होगा आसान, जानें…

लखनऊ। आजकल हर तीसरा व्यक्ति श्वसन तंत्र के संक्रमण से परेशान है देश-विदेश में वैज्ञानिक आए दिन इसे लेकर शोध करते रहते हैं। हाल ही में एक शोध में यह दावा किया गया है कि अब अस्थमा-निमोनिया में दिक्कत पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मारने का तरीका खोज लिया गया है। जिससे स्वांस रोगियों को …
लखनऊ। आजकल हर तीसरा व्यक्ति श्वसन तंत्र के संक्रमण से परेशान है देश-विदेश में वैज्ञानिक आए दिन इसे लेकर शोध करते रहते हैं। हाल ही में एक शोध में यह दावा किया गया है कि अब अस्थमा-निमोनिया में दिक्कत पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मारने का तरीका खोज लिया गया है। जिससे स्वांस रोगियों को इससे जल्द छुटकारा मिल सकेगा।
निमोनिया और कान में संक्रमण पैदा करता है बैक्टीरिया
लोहिया संस्थान के आयुर्वेद डॉक्टर एस.के. पाण्डेय ने बताया कि बैक्टीरिया मौका पाकर अपना व्यवहार बदल लेता है यह निमोनिया और कान में संक्रमण पैदा कर देता है। उससे भी ज्यादा चिंताजनक बात यह है कि ये बैक्टीरिया अस्थमा और ब्रोंकाइटिस की स्थिति को जानलेवा बना देता है। यहां तक कि इसकी वजह से कोरोना के कुछ मरीजों को ठीक होने भी बहुत अधिक समय लग जाता है।
स्वांस रोगियों को करना चाहिए शीतोप्लादी चूर्ण का सेवन
उन्होंने बताया कि पहले से ही हम स्वांस रोगियों को शीतोप्लादी चूर्ण का सेवन करने की सलाह देते हैं जो बैक्टीरिया को खत्म करने में सक्षम है। वहीं उनका है कि क्वींसलैंड विश्वविद्यालय में इस पर शोध किया गया है, जिसमें पाया गया है कि यह बैक्टीरिया अपने पोषण और अस्तित्व के लिए जीवाणु कोशिका झिल्ली में एक विशेष प्रोटीन ‘एलएलडीडी’ पर बहुत अधिक निर्भर रहता है। अगर एलएलडीडी प्रोटीन को निष्क्रिय कर दिया जाए तो बैक्टीरिया भूखा रहकर खत्म होने लगेगा। शोध के दौरान ऐसा करने पर 99.9 फीसदी बैक्टीरिया खत्म हो गया था।
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