बरेली: वैज्ञानिक पद्धति से सब्जी उगाकर हो जाओ मालामाल

बरेली, अमृत विचार। सब्जियां हमारे दैनिक आहार में आवश्यक घटक हैं। इसलिए सब्जियों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। वर्तमान में सब्जियों की खेती अन्य फसलों की तुलना में किसानों के लिए अधिक लाभदायक है। कृषि विज्ञान केंद्र के बागबानी विशेषज्ञ रंजीत सिंह किसानों को वैज्ञानिक विधि से सब्जी उगाने को लेकर जागरूक कर रहे …
बरेली, अमृत विचार। सब्जियां हमारे दैनिक आहार में आवश्यक घटक हैं। इसलिए सब्जियों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। वर्तमान में सब्जियों की खेती अन्य फसलों की तुलना में किसानों के लिए अधिक लाभदायक है। कृषि विज्ञान केंद्र के बागबानी विशेषज्ञ रंजीत सिंह किसानों को वैज्ञानिक विधि से सब्जी उगाने को लेकर जागरूक कर रहे हैं जिससे उनकी आय भी बढ़ेगी।
उन्होंने बताया कि वैज्ञानिक पद्धति से खेती करने के लिए घर के पास, खेत में पानी के स्रोत के पास, खेत में बने फार्म हाउस या कोठी के पास या बाग के किनारे क्यारी का निर्माण करना चाहिए जो लगभग 1 मीटर चौड़ी व आवश्यकतानुसार लंबी होनी चाहिए। सामान्यता 5 से 10 मीटर लंबी क्यारियां उपयुक्त मानी जाती है। क्यारी जमीन से 6 इंच ऊंची ऊपर उठी होनी चाहिए। उसमें भली प्रकार निराई-गुड़ाई करके खरपतवार एवं ईंट पत्थर को साफ करना चाहिए।
इसके बाद लगभग 1 क्विंटल गोबर की तैयार कंपोस्ट प्रति 10 मीटर स्क्वायर की दर से क्यारी में मिला देना चाहिए।प्रारंभिक अवस्था में पौध को कीटों व बीमारी से बचाने के लिए पौधशाला में ट्राइकोडर्मा व सूडोमोनास से तैयार खाद का प्रयोग करना चाहिए अथवा दोनों जैव फंफूदियों का लगभग 10 ग्राम प्रति मीटर के हिसाब से पौधशाला की मिट्टी में मिला देना चाहिए।
पौधशाला की क्यारी समतल करके उसमें बीज की बुवाई लाइनों में करनी चाहिए। बीज ज्यादा घना नहीं होना चाहिए। गर्मी एवं बरसात में बीजों को लगभग 1 इंच की दूरी पर बोना चाहिए जिससे आर्द्र गलन रोग न हो। बीजों का शोधन कार्बेंडाजिम नामक रसायन के 2 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज के हिसाब से करना चाहिए। बीज की बुवाई कर बीजों पर बालू व गोबर की खाद के मिश्रण को छलनी से छानकर ढंक देना चाहिए। गोभी वर्गीय सब्जियों में बीज का जमाव तीसरे दिन से प्रारंभ हो जाता है।
जबकि, मिर्च, बैंगन, टमाटर में जमाव एक हफ्ते बाद प्रारंभ होता है। बीज बुवाई के उपरांत क्यारी को सूखी कांस या पुआल से ढक देना चाहिए जिससे नमी बनी रहे व जमाव एक साथ हो। अधिक महंगे बीजों के लिए पौधशाला का निर्माण छोटे पॉलीथिन का घर बनाकर करना चाहिए। टमाटर, शिमला मिर्च, मिर्च आदि के बीजों में वायरस से बचाव के लिए बायो नेट से भी पौधशाला को ढंकना चाहिए।
बीजों के जमाव के 10 दिन बाद सिंचाई रोककर, थोड़ा खुश्क करना आवश्यक है जिससे जड़ें पानी की तलाश में गहराई तक जा सकें। यही क्रिया पौध को उखड़ने से 3 दिन पहले भी करना चाहिए। इस क्रिया को कठोरीकरण अथवा हार्डनिंग कहते हैं। बीज बुवाई के 3 दिन बाद पहला स्प्रे इमिडाक्लोप्रिड 0.5 मिली प्रति लीटर के हिसाब से घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए। इसी पर पांचवें दिन पर एक छिड़काव कार्बेंडाजिम 1 ग्राम प्रति लीटर पानी के हिसाब से घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए।
गोभी वर्गीय सब्जियों की पौध 25 से 28 दिन में रोपाई योग्य हो जाती है। जबकि, मिर्च, शिमला मिर्च, टमाटर, बैंगन आदि की पौध लगभग सवा महीने में रोपाई योग्य होती है।