रामपुर: ठहाके लगाने से फेफड़ों को मिलती है छह गुना ज्यादा आक्सीजन

रामपुर, अमृत विचार। भागमभाग भरी जिंदगी में हंसी कहकहे गुजरे जमाने की बात सी लगती है। हर समय तनाव ने लोगों की जिंदगी खराब कर दी है। जबकि, कोरोना काल में हंसना बहुत जरूरी है, क्योंकि कोरोना संक्रमित होने पर रिकवरी में हास्य थेरेपी बेहद लाभदायक है। बातचीत करते समय हम जितनी ऑक्सीजन लेते हैं …
रामपुर, अमृत विचार। भागमभाग भरी जिंदगी में हंसी कहकहे गुजरे जमाने की बात सी लगती है। हर समय तनाव ने लोगों की जिंदगी खराब कर दी है। जबकि, कोरोना काल में हंसना बहुत जरूरी है, क्योंकि कोरोना संक्रमित होने पर रिकवरी में हास्य थेरेपी बेहद लाभदायक है। बातचीत करते समय हम जितनी ऑक्सीजन लेते हैं उससे छह गुना अधिक ऑक्सीजन हंसते समय फेफड़ों तक पहुंचती है। इस तरह शरीर को अच्छी मात्रा में ऑक्सीजन मिल जाती है।
हंसना जरूरी है तभी तो विश्व हास्य दिवस का आगाज 1998 से मुंबई में हुआ। इसका श्रेय हास्य योग आंदोलन के संस्थापक डा. मदन कटारिया को जाता है। 11 जनवरी 1998 को पहली बार मुंबई में विश्व हास्य दिवस को मनाया गया। हंसने से तन-मन में उत्साह का संचार होता है और दिल से हंसना किसी दवा से कम नहीं है। आयुरजीवनम द्वारा जगह-जगह पर हास्य क्लब बनाए जा रहे हैं, ताकि भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव से मुक्ति मिले। हास्य एक तरह का योग भी है, इसे हास्ययोग भी कहा जाता है।
हंसी से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। हास्य सकारात्मक और शक्तिशाली भावना है, जिसमें व्यक्ति को ऊर्जावान और संसार को शांतिपूर्ण बनाने के सभी तत्व उपस्थित रहते हैं। जब व्यक्ति समूह में हंसता है तो यह सकारात्मक ऊर्जा पूरे क्षेत्र में फैल जाती है और क्षेत्र से नकारात्मक ऊर्जा दूर भागती है। हंसने से आंतरिक भागों की चेहरे की मांसपेशियों को बहुत लाभ होता है। इससे लेक्टिव एसिड दूषित पदार्थ बाहर निकल जाता है। हास्य दिवस से पूर्व अमृत विचार ने योग और हास्य थेरेपी के विशेषज्ञों से बातचीत की। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश…
हंसने-हंसाने से यह होते हैं शरीर को लाभ
-हंसते समय क्रोध नहीं आता।
– हंसने से आत्मसंतोष के साथ सुखद अनुभूति होती है।
– शरीर में नई स्फूर्ति का संचार होता है।
-हंसने से ब्लड प्रेशर कम होता है।
– हंसी मांसपेशियों में खिंचाव कम करती है।
– हंसी दर्द दूर करती है
-हंसी से शरीर के साथ-साथ दिमाग की भी एक्सरसाइज होती है।
हंसने-हंसाने से मस्तिष्क की अल्फा वेन एक्टिव होती है तथा बीटा वेन डाउन होती है, जिससे आनंद की अनुभूति होती है। हास्य से भय, तनाव और अवसाद दूर होता है। समूह में हंसने से अधिक लाभ होता है। जब मनुष्य हंसता है तो वह कुछ पलों के लिए सबसे अलग हो जाता है। उसके तनाव के विचारों की श्रृंखला टूट जाती है। एकाग्रता आती है। मन-मस्तिष्क खाली व हल्के होने लगते हैं।
डा. कुलदीप चौहान, आयुर्वेदा मनोचिकित्सक, संस्थापक आयुरजीवनम हास्य क्लब।
दूर होती हंसी वापस लाने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष हास्य दिवस का आयोजन किया जाता है। इंसान इतना व्यस्त हो गया है कि उसके पास हंसने तक की फुर्सत नहीं है। इसलिए आयुरजीवनम द्वारा हास्य अभियान कार्यक्रम चलाया जा रहा है। हमारी रिलेक्सेशन टीम सरकारी, गैर सरकारी संस्थान, स्कूल-कॉलेज, गांव, मोहल्ले में हास्य बैठक का अयोजन कर हंसने की प्रैक्टिस और फायदे के बारे में जागरूक कर रहे है एवं हास्य क्लब भी बना रहे हैं।
डा. मुस्कान, ट्रेनर लाफ्टर थेरेपी
योग में हास्य चिकित्सा का एक विशेष महत्व है। योग में स्लोगन है कि हंसना सीखो मेरे भाई सब रोगों की एक दवाई। योग में कई प्रकार के हास्य आसन होते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख हास्य योग द्वारा चेहरे की मांसपेशियों में शिथिलता, बढ़ती झुर्रियां व मानसिक तनाव जैसी बीमारियों का इलाज आसानी से हो जाता है। हास्य योग याददाश्त बढ़ाने का काम भी करता है। 15 मिनट की हंसी आपको पूरे दिन मानसिक तनाव से निजात दिला सकती है।
रवि मेहरा, जिला प्रभारी पतंजलि योग समिति रामपुर
हंसी मस्तिष्क को रिलेक्स करने के साथ-साथ पूरे वातावरण को खुशमिजाज बनाती है। इससे दूसरों को भी पॉजीटिव एनर्जी मिलती है और डिप्रेशन कम होता है। डिप्रेशन के मरीजों को साइक्लोजिस्ट भी लॉफ्टर थेरेपी की सलाह देते हैं। इससे तनाव में कमी और याददाश्त में वृद्धि होती है। मनोचिकित्सों के अनुसार हंसना अपने आप में एक बहुत ही बेहतरीन चिकित्सा है।
—मुनीश शर्मा, योगाचार्य