पीलीभीत: 40 साल से नहीं मिला किराया, प्रकरण पुराना…कराएं उच्च स्तरीय जांच

पीलीभीत: 40 साल से नहीं मिला किराया, प्रकरण पुराना…कराएं उच्च स्तरीय जांच

पीलीभीत, अमृत विचार। नगर पालिका की 50 करोड़ से अधिक कीमत की बेशकीमती जमीन को दो रुपये सालाना किराए पर देने के मामले में कागजी कार्रवाई जारी है। डीएम पुलकित खरे की ओर से भेजे गए कारण बताओ नोटिस पर ईओ सुरेंद्र प्रताप ने अपना जवाब भेज दिया है। प्रकरण को पुराना बताते हुए कई …

पीलीभीत, अमृत विचार। नगर पालिका की 50 करोड़ से अधिक कीमत की बेशकीमती जमीन को दो रुपये सालाना किराए पर देने के मामले में कागजी कार्रवाई जारी है। डीएम पुलकित खरे की ओर से भेजे गए कारण बताओ नोटिस पर ईओ सुरेंद्र प्रताप ने अपना जवाब भेज दिया है। प्रकरण को पुराना बताते हुए कई बिंदु स्पष्ट कर दिए। 40 साल से किराया मिलने की भी बात स्वीकार की गई है। पूरे मामले में उच्च स्तरीय जांच कराने की सिफारिश की गई है, ताकि इस खेल में शामिल लोगों पर शिकंजा कस जा सके।फिलहाल अब प्रशासनिक स्तर पर क्या एक्शन होगा।इसे लेकर खेल करने वाले रसूखदारों में खलबली मची है।

एलएच चीनी मिल रोड पर नगर पालिका दफ्तर के सामने दो एकड़ जमीन और भवन को दो रुपये साल किराए पर मेस्टन लाइब्रेरी को दे दिया गया था। इसकी समय सीमा 1962 में समाप्त हो चुकी है। मगर नगरपालिका के जिम्मेदार अफसर-कर्मचारियों से सांठगांठ करके रसूखदारों ने इस जगह को 2005 में एक ट्रस्ट बनाकर मेस्टन पब्लिक स्कूल के नाम पर दे दिया। इसकी समय सीमा भी समाप्त हो गई लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। अमृत विचार ने इस खेल को प्रमुखता से उजागर किया। उसके बाद से जांच चल रही है। डीएम की ओर से भेजे गए कारण बताओ नोटिस पर ईओ ने खुद को बचाते हुए जवाब भेज दिया है।

हालांकि पूर्व के जवाब से इसमें कोई खास बदलाव नहीं है। ईओ ने कहा है कि ये मामला काफी पुराना है। उनकी तैनाती अभी एक साल पहले ही हुई है। मामला संज्ञान में आने पर जांच की गई थी। जमीन नगरपालिका की ही है। कीमत भी 50 करोड़ बताई और 40 साल से किराया न मिलने की बात कबूल की। पुराना प्रकरण होने की वजह से प्रशासन की ओर से उच्च स्तरीय जांच कराकर कार्रवाई की बात कही है। वहीं, नगर पालिका के कुछ जिम्मेदार इस मामले को दबाने का प्रयास कर रहे हैं।

सत्ताधारियों की भी शरण ली गई है। वहीं, कुछ लोग नगर पालिका के अफसरों से संपर्क साध कर अपना ज्ञान बांटने में भी पीछे नहीं हट रहे हैं। फिलहाल पूरा मामला सुर्खियां बना हुआ है। अब जगह खाली कराकर कार्रवाई की जाएगी? या फिर पहले की तरह इसे दबाव में ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा। प्रशासन के निर्णय के बाद ही तय हो सकेगा।

मेस्टन लाइब्रेरी को दशकों पहले आवंटित की गई जमीन को लेकर जांच चल रही है।इस मामले में डीएम की ओर से जवाब मांगा गया था। अपना जवाब पत्र के माध्यम से भेज दिया है। आगे जो भी अफसर निर्णय लेंगे, उसी आधार पर एक्शन लिया जाएगा। – सुरेंद्र प्रताप, ईओ