बरेली: खस्ताहाल सड़कें स्मार्ट सिटी के चेहरे पर लगा रहीं दाग

बरेली: खस्ताहाल सड़कें स्मार्ट सिटी के चेहरे पर लगा रहीं दाग

बरेली, अमृत विचार। करीब दो हजार करोड़ रुपये से शहर की तस्वीर बदलने के लिए स्मार्ट सिटी के तहत दर्जनों कार्य कराए जा रहे हैं लेकिन स्मार्ट सिटी की खस्ताहाल सड़कों पर अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। सरकारी विभागों में आपसी सामंजस्य की कमी से सड़कों को कई बार खोदा जा रहा है। इससे …

बरेली, अमृत विचार। करीब दो हजार करोड़ रुपये से शहर की तस्वीर बदलने के लिए स्मार्ट सिटी के तहत दर्जनों कार्य कराए जा रहे हैं लेकिन स्मार्ट सिटी की खस्ताहाल सड़कों पर अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। सरकारी विभागों में आपसी सामंजस्य की कमी से सड़कों को कई बार खोदा जा रहा है। इससे सड़कों की स्थिति दयनीय हो गयी है।

शनिवार देर रात हुई भयंकर बारिश के बाद सड़कें और क्षतिग्रस्त हो गयीं। मानसून की बारिश में सड़कों के गड्ढों की मरम्मत न करने वाले जिम्मेदार गड्ढों की तरफ नहीं देख रहे हैं। इससे क्षतिग्रस्त सड़कों पर सफर करना जोखिम भरा बन गया है। हालत यह है कि टूटी सड़कों के गड्ढे दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं। कुछ सड़कें उखड़ी हैं तो कहीं सड़क धंसने से मुसीबत और बढ़ गई है।

शहर में सीवर लाइन, पानी की पाइप लाइन, बिजली के तार, फाइवर आदि बिछाने का काम चल रहा है। प्रमुख स्थानों पर सड़क चौड़ीकरण के काम भी हो रहे हैं। बरेली कॉलेज से गांधी उद्यान की ओर एक तरफ गहरा गड़ढा है, जिसकी मरम्मत नहीं की गई। इसकी रोड पर बरेली कॉलेज से श्यामगंज पुल के नीचे की ओर जाने वाली सड़क भी जगह जगह से उखड़ रही है।

पटेल चौक से चौपला की ओर जाने वाली एक साइड की सड़क बनी तो थी लेकिन जगह जगह से टूटी और ऊंची नींची हो गई है। यहां वाहन हिचकोले खाकर गुजरते हैं। इसी तरह चौकी चौराहे से पुलिस लाइन की तरफ आने वाली रोड टूटी है। सड़क जगह जगह से उखड़ गई और वाहनों के चलने से वहां गड्ढा बनते जा रहे हैं। यह गड्ढे जलभराव के समय नजर नहीं आते और दुपाहिया वाहन सवार इन गड्ढों पर रपट कर चोटिल हो रहे हैं।

सिटी स्टेशन से किला रोड भी बहुत ज्यादा खराब है। यहां कुछ दिन पहले पीडब्ल्यूडी ने मरम्मत का काम कराया भी था लेकिन उससे लोगों को कोई राहत नहीं मिली है। भारी वाहनों के गुजरने से गड्ढे और भी ज्यादा खतरनाक होते गए हैं। पीडब्ल्यूडी और नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि जब तक बारिश पूरी तरह बंद नहीं हो जाती, तब तक टूटी सड़कों पर पैच वर्क कराया जाना संभव नहीं है।