सतर्कता ही बचाव

सतर्कता ही बचाव

विभिन्न देशों में मंकीपॉक्स के मामलों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। वैश्विक स्तर पर 75 देशों से मंकीपॉक्स के 16 हजार से अधिक मामले सामने आए हैं और अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है। भारत में भी इसके चार मामले सामने आने के बाद केंद्र सरकार सतर्क हो गई है। …

विभिन्न देशों में मंकीपॉक्स के मामलों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। वैश्विक स्तर पर 75 देशों से मंकीपॉक्स के 16 हजार से अधिक मामले सामने आए हैं और अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है। भारत में भी इसके चार मामले सामने आने के बाद केंद्र सरकार सतर्क हो गई है। रविवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के एक व्यक्ति में मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई है। देश में इस बीमारी का चौथा मामला है। पहले केरल से मंकीपॉक्स के तीन मामले सामने आए थे।

दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में भारत के अलावा थाईलैंड से एक मामला सामने आया है। दुनियाभर और सभी क्षेत्रों में मंकीपॉक्स का खतरा मध्यम है, लेकिन यूरोप में इसका खतरा ज्यादा है। शनिवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मंकीपॉक्स को अंतर्राष्ट्रीय चिंता का विषय बताते हुए वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया था। 70 से अधिक देशों में मंकीपॉक्स फैलना एक असाधारण हालात हैं। डब्ल्यूएचओ की बैठक में इस बीमारी को आपातकाल घोषित करने पर आम सहमति नहीं थी। यह पहली बार है जब बिना आम सहमति के किसी बीमारी को इमरजेंसी करार दिया गया है।

डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस अदहानोम गेब्रेयेसस ने कहा कि यह ऐसी बीमारी है जो दुनिया में नए-नए तरीकों से फैल रही है, जिसके बारे में हम बहुत कम जानते हैं। इन कारणों के चलते, तय किया है कि मंकीपॉक्स पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी है। इससे पहले डब्ल्यूएचओ ने पिछले दो दशक में सात वैश्विक स्वास्थ्य आपात घोषित किए हैं। 2009 में स्वाइन फ्लू, 2014 में पोलियो और इबोला, 2015 में जीका, 2018 में के. इबोला और 2019 में कोविड-19 को वैश्विक स्वास्थ्य आपात स्थिति घोषित किया गया था।

ध्यान रहे देश पहले ही कोरोना महामारी से प्रभावित रहा है। रविवार को एक दिन में कोविड-19 के 20,279 नए मामले सामने आए हैं। हालांकि इस खतरनाक वायरस के प्रसार को बढ़ने से रोकने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गाइडलाइंस जारी की हैं। मंत्रालय ने राज्य सरकारों से निगरानी बढ़ाने को कहा है। सरकार की ओर से कहा गया है कि डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि चीजें पूरी तरह नियंत्रण में हैं। सभी जिलों में आइसोलेशन सेंटर का इंतजाम किया गया है।

मंकीपॉक्स से संक्रमित व्यक्ति 21 दिनों तक निगरानी में रहेगा। इस बीमारी को शुरू से गंभीरता से लिए जाने की जरुरत है और मंकीपॉक्स को फैलने से रोकने के लिए सतर्क रहने और तेजी से कदम उठाने को तैयार रहने की जरूरत है। इसके लिए जन जागरुकता, सतर्कता बढ़ाने और जन स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत कर जांच और निगरानी बढ़ानी होगी। क्योकि सतर्कता ही बचाव है।