26/11 मुंबई हमले केस में आतंकी कसाब की पहचान करने वाली देविका से मिले यूएन महासचिव, जानिए क्या कहा

26/11 मुंबई हमले केस में आतंकी कसाब की पहचान करने वाली देविका से मिले यूएन महासचिव, जानिए क्या कहा

मुंबई। भारत दौरे पर आए संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस  (António Guterres) ने 2008 के 26/11 हमलों के मामले में आतंकी अजमल कसाब की पहचान करने वाली सबसे कम उम्र (तब 10-वर्ष) की गवाह देविका रोटावन से मुंबई में मुलाकात की। रोटावन ने कहा, मैंने उन्हें (गुटेरेश) बताया कि मैं पढ़ाई कर अधिकारी बनने …

मुंबई। भारत दौरे पर आए संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस  (António Guterres) ने 2008 के 26/11 हमलों के मामले में आतंकी अजमल कसाब की पहचान करने वाली सबसे कम उम्र (तब 10-वर्ष) की गवाह देविका रोटावन से मुंबई में मुलाकात की। रोटावन ने कहा, मैंने उन्हें (गुटेरेश) बताया कि मैं पढ़ाई कर अधिकारी बनने के बाद आतंकवाद को खत्म करना चाहती हूं।

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने बुधवार को मुंबई के ताज होटल में 26/11 आतंकी हमलों के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के बाद कहा, आतंकवाद से लड़ना दुनिया के हर देश की…वैश्विक प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा, आतंकवाद से लड़ना संयुक्त राष्ट्र की भी प्राथमिकता है। गुटेरेश ने कहा, आतंकवाद…का आज की दुनिया में कोई स्थान नहीं है।

मुंबई में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि कोई भी कारण आतंकवाद को सही नहीं ठहरा सकता। आज की दुनिया में इसका कोई स्थान नहीं है। यहां इतिहास की सबसे बर्बरता वाली आतंकवादी घटनाओं में से एक घटी जिसमें 166 लोगों ने अपनी जान गंवाई। मैं पीड़ितों को श्रद्धांजलि देता हूं, मैं उनके परिवारों, दोस्तों, भारतवासियों और दुनिया के अन्य हिस्सों के उन सभी लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करना चाहता हूं जिन्होंने मुंबई में अपनी जान गंवाई। आतंकवाद से लड़ना हर देश के लिए वैश्विक प्राथमिकता होनी चाहिए और आतंकवाद से लड़ना संयुक्त राष्ट्र के लिए एक केंद्रीय प्राथमिकता है।

वहीं, IIT बॉम्बे में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि असंयुक्त आंदोलन और ग्रेपु ऑफ 77 के संस्थापक सदस्यों में से एक होने के कारण भारत विकासशील देशों की आकांक्षा और चिंताओं का अधिवक्ता रहा है। संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के लिए भी भारत ने सबसे ज़्यादा सुरक्षा बल उपलब्ध कराए हैं। IIT बॉम्बे UN में स्थायी भारतीय प्रतिनिधि रुचिरा कम्बोज ने कहा कि भारत ने पिछले 2 वर्षों से साफ किया है कि सुरक्षा परिषद की वर्तमान वैश्विक संरचना अब उद्देश्य को पूरा नहीं करता है। हम इस बात पर ज़ोर देकर कह रहे हैं कि इसे और अधिक प्रभावी और लोकतांत्रिक बनाने के लिए सुधार की आवश्यकता है।

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