बात अठन्नी की
साहित्य 

बात अठन्नी की…

बात अठन्नी की… रसीला इंजीनियर बाबू जगतसिंह के यहां नौकर था। दस रुपए वेतन था। गांव में उसके बूढ़े पिता, पत्नी, एक लड़की और दो लड़के थे। इन सबका भार उसी कंधों पर था। वह सारी तनख़्वाह घर भेज देता, पर घरवालों का गुज़ारा न चल पाता। उसने इंजीनियर साहब से वेतन बढ़ाने की बार-बार प्रार्थना की पर …
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