पीलीभीत: बसपा दावेदार को फंसाने के लिए रचा हमला करने का ड्रामा

पीलीभीत: बसपा दावेदार को फंसाने के लिए रचा हमला करने का ड्रामा

पीलीभीत, अमृत विचार। विधायक के दबाव में बसपा दावेदार पर एफआईआर दर्ज करने के संगीन आरोप का मामला भले पुलिस जांच के नाम पर दबा गई। मगर, तकरार बढ़ गई है। विधायक पक्ष के कुछ लोगों ने बसपा दावेदार के रिश्तेदार को फसाने के लिए नया ड्रामा रच दिया। सूचना पर पुलिस पहुँची तो आरोप …

पीलीभीत, अमृत विचार। विधायक के दबाव में बसपा दावेदार पर एफआईआर दर्ज करने के संगीन आरोप का मामला भले पुलिस जांच के नाम पर दबा गई। मगर, तकरार बढ़ गई है। विधायक पक्ष के कुछ लोगों ने बसपा दावेदार के रिश्तेदार को फसाने के लिए नया ड्रामा रच दिया।

सूचना पर पुलिस पहुँची तो आरोप झूठे साबित हुए। बसपा से विधानसभा चुनाव में टिकट मांग रहे एक दावेदार के परिवार ने बीते दिनों एसपी को तहरीर देकर विधायक की शिकायत की थी। जिसमें प्रशासन पर दबाव में गैंगेस्टर की रिपोर्ट दर्ज करने और तीन साल से उत्पीड़न करने के आरोप लगाए थे।

इस मामले को पुलिस दबा गयी थी। मगर दोनों नेताओं के बीच तकरार और बढ़ गयी थी। इसकी बानगी बृहस्पतिवार रात देखने को मिली। देर रात बसपा के दावेदार का एक रिश्तेदार कार में सवार होकर जहांनाबाद से पीलीभीत की तरफ आ रहा था।

इस बीच आचार संहिता का पालन कराने को गठित एसएसटी टीम में उसे रोक लिया। जांच के बाद उसे टीम ने छोड़ दिया। फिर असम रोड चौकी के पास पहुँचते ही पीछे से विधायक के करीबी तीन लोग एक कार में सवार होकर आए और ओवर टेक कर बसपा दावेदार को रोक लिया।

इनमें एक वही था जिसने पूर्व में बसपा दावेदार की बेटी के सोशल मीडिया पर मदद को गुहार लगाने के वीडियो अपलोड करने पर विवादित टिप्पणी कर दी थी। यही नहीं बसपा दावेदार के रिश्तेदार पर हमला करने का झूठा आरोप लगा दिया। सूचना पुलिस तक पहुँची तो खलबली मच गई।

सीओ सिटी सुनील दत्त, जहांनाबाद और सुनगढ़ी पुलिस के साथ मौके पर पहुँच गए। आरोप है कि विधायक पक्ष के लोग नशे में धुत्त भी थे। उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया। इस दौरान निष्पक्ष कार्रवाई को कहा गया। जिसके बाद काफी छानबीन की गई। इसमें विधायक पक्ष के लोगों के आरोप जांच में झूठे साबित हो गए।

फिर दोनों पक्षों को पुलिस ने चेतावनी देकर अलग अलग भेज दिया। मामले में लिखित शिकायत न मिलने पर कार्रवाई नहीं की गई।

घटना की सूचना मिली थी। मगर जब तक पहुँचे तब तक सब शांत हो चुका था। उच्चाधिकारियों को पूरी जानकारी है। —श्रीकांत द्विवेदी- सुनगढ़ी इंस्पेक्टर

एक पक्ष ने हमला करने की तहरीर दी थी। इस पर पुलिस बल के साथ मौके पर गए थे। जांच में आरोप सही साबित नहीं हो सके थे। अफसरों को भी बता दिया गया था। मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है। —सुनील दत्त, सीओ सिटी