पीलीभीत: दियोरिया रेंज से घास निकासी का वीडियो वायरल

पीलीभीत: दियोरिया रेंज से घास निकासी का वीडियो वायरल

पीलीभीत,अमृत विचार। तीन दिन पहले टाइगर रिजर्व के महोफ रेंज जंगल में अवैध शिकार करने के मामले में फॉरेस्ट गार्ड का शिकार से बातचीत करते हुए ऑडियो वायरल होने का मामला अभी थमा नहीं था कि अब पीटीआर के दियोरिया रेंज में जंगल के भीतर से घास निकासी का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल …

पीलीभीत,अमृत विचार। तीन दिन पहले टाइगर रिजर्व के महोफ रेंज जंगल में अवैध शिकार करने के मामले में फॉरेस्ट गार्ड का शिकार से बातचीत करते हुए ऑडियो वायरल होने का मामला अभी थमा नहीं था कि अब पीटीआर के दियोरिया रेंज में जंगल के भीतर से घास निकासी का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

वीडियो वायरल होने के बाद वनकर्मियों में खलबली मची हुई है, हालांकि वायरल वीडियो पर अफसरों का तर्क है कि वीडियो पुराना हो सकता है। वर्तमान में फायर लेन बनाई जा रही है इसलिए पुरानी घास को हटवाया जा रहा है। फिलहाल मामला कुछ भी हो, लेकिन लगातार अवैध शिकार, कटान और घास निकासी के मामले में वन कर्मियों की संलिप्ता के मामले में सामने आने से फजीहत हो रही है।

इतना ही नहीं अब शासन की नजरें भी अब टाइगर रिजर्व पर बनी हुई है। लगातार हो रही इस तरह की घटनाओं को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि शासन स्तर से गाज गिर सकती है।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व की दियोरिया रेंज का कंपार्टमेंट नंबर दो जोकि कोर एरिया में आता है। यहां अधिकांश बाघों का आश्रय गृह बना हुआ है। मंगलवार को सोशल मीडिया पर पीटीआर की दियोरिया रेंज के कंपार्टमेंट नंबर दो के कुछ वीडियो वायरल हुए हैं।

जिसमें एक वीडियो रात का है। जिसमें दो ट्रैक्टर ट्राली जंगल से घास से लेकर निकलती हुई दिखाई दे रही हैं तो वहीं दूसरी वीडियो में एक वीडियो दिन का जिसमें जंगल के भीतर ट्रैक्टर-ट्राली में घास लोड की जा रही है। इस घास की निकासी कर उसे मोटे दामों में बेचा जाता है।

सूत्रों की मानें तो जंगल से घास की निकासी करने के नाम पर चंद कर्मचारी 15 से 20 हजार रुपये ट्राली लेते हैं, जबकि सरकारी शुल्क एक हजार रुपये तय किया गया है। वीडियो वायरल होने के बाद उस रेंज में अब सन्नाटा पसरा हुआ है। इधर, वीडियो को लेकर हर कोई अपना पल्ला झाड़ते हुए वीडियो को पुराना बता रहे हैं। अन्य वीडियो का मामला भी शासन तक पहुंच गया है।

वीडियो का मामला संज्ञान में आया है, मगर वहां ऐसा कुछ नहीं है। फायर लेन बनाने के लिए पुरानी घास कटवाई जा रही है। मामला दिखवा रहे हैं, अगर कुछ कमी मिली है तो कार्रवाई की जाएगी। —नवीन खंडेलवाल, डिप्टी डायरेक्टर

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