National Voters’ Day : महिलाओं के मन की नहीं बन पाती सरकार

जूही/अमृत विचार। ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं के मतदान का ग्राफ भले ही शहर से अच्छा हो। लेकिन, वहां आज भी महिलाएं अपनी पसंद की सरकार चुनने के लिए स्वतंत्र नहीं हैं। उन्हें इसके लिए पति, सास-ससुर और पड़ोसियों की राय पर ही निर्भर रहना पड़ता है। उनकी अपनी राय कोई मायने नहीं रखती। वे उन …
जूही/अमृत विचार। ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं के मतदान का ग्राफ भले ही शहर से अच्छा हो। लेकिन, वहां आज भी महिलाएं अपनी पसंद की सरकार चुनने के लिए स्वतंत्र नहीं हैं। उन्हें इसके लिए पति, सास-ससुर और पड़ोसियों की राय पर ही निर्भर रहना पड़ता है। उनकी अपनी राय कोई मायने नहीं रखती। वे उन लोगों द्वारा बताए गए प्रत्याशियों को ही वोट डालकर आती हैं। यह खुलासा अमृत विचार की टीम द्वारा विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में किए गए सर्वे में हुआ।
महिलाओं ने बताया कि घर वाले जो बटन दबाने के लिए बोलते हैं, हम उसे ही दबा कर चले आते हैं। 14 फरवरी को लोकतंत्र का महापर्व है। इस दिन छह सीटों पर 24 लाख मतदाता नेताजी के भाग्य का फैसला करेंगे। इनमें 11 लाख 28 हजार 342 महिला मतदाता हैं। यानि करीब-करीब 47 फीसदी हिस्सेदारी आधी आबादी की है। चुनाव को लेकर ग्रामीण महिलाएं क्या सोचती हैं, इसको लेकर हमने गांवों में जाकर उनसे सीधी बात की।
इस सर्वे का आधार अलग-अलग ग्रामीण क्षेत्र की 60 महिलाएं रहीं, जो दोनों संप्रदायों से थी। बातचीत में एक बात साफ तौर पर निकलकर आई कि महिलाओं का वोट उस प्रत्याशी को ही जाता है, जिस को घर का प्रधान पुरुष देता है। पड़ताल में सामने आया कि अधिकतर महिलाओं को न पार्टी से मतलब है, न प्रत्याशी से। उनके लिए जो पति कह देंगे, वहीं पर वोट दे आएंगी। इस सर्वे में एक और बात सामने आई, वह थी जागरुकता की कमी। उनसे बात करके मालूम हुआ कि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को मतदान से बहुत अधिक सरोकार नहीं है। कहती हैं कि पार्टियां कौन सा हमारे लिए कुछ खास कर रही हैं। हम वोट डाल भी सकते हैं और नहीं भी।
ग्रामीण महिलाओं का ग्राफ शहर से ज्यादा
भले ही ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं ने 2017 के चुनाव में 60 फीसदी वोट दिया हो। लेकिन, वोट डालने के लिए उनकी अपनी खुद की कोई राय नजर नहीं आती। उस दौरान शहरी क्षेत्र में 48 प्रतिशत महिलाओं द्वारा मतदान किया गया था। चुनाव के दौरान वे अधिकांश अपनी सोच का प्रयोग करते हुए ही मतदान करती हैं।
प्रतिशत में समझें महिलाओं का मतदान समीकरण
- 70 प्रतिशत ग्रामीण महिलाएं घर वालों के कहने पर देती हैं वोट
- 10 प्रतिशत शिक्षित होने के साथ ही अपने मन से करती हैं मतदान
- 15 प्रतिशत महिलाएं मजबूत प्रत्याशी के पक्ष में करती हैं वोट
- पांच प्रतिशत ग्रामीण महिलाएं वोट डालने ही नहीं जातीं
कहां कितनी महिला वोटर
कांठ -182925
ठाकुरद्वारा -173299
मुरादाबाद देहात -182851
मुरादाबाद नगर-245916
कुंदरकी -175672
बिलारी -167679