मुरादाबाद : खतरे में सेहत…आंगनबाड़ी केंद्रों के 60,000 नौनिहालों का पोषाहार गुल
मुरादाबाद,अमृत विचार। आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत 60,000 बच्चों का पोषाहार गुल है। शासन से इनके लिए पोषाहार आवंटित नहीं किया जा रहा है। इन बच्चों को पोषाहार न मिलने से इनमें कुपोषण की आशंका बढ़ी है। वहीं, जिन्हें पोषाहार मिल रहा है वह हर महीने की जगह तीन महीने में बांटा जा रहा है। इससे …
मुरादाबाद,अमृत विचार। आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत 60,000 बच्चों का पोषाहार गुल है। शासन से इनके लिए पोषाहार आवंटित नहीं किया जा रहा है। इन बच्चों को पोषाहार न मिलने से इनमें कुपोषण की आशंका बढ़ी है। वहीं, जिन्हें पोषाहार मिल रहा है वह हर महीने की जगह तीन महीने में बांटा जा रहा है। इससे बच्चों की सेहत के प्रति शासन व विभाग की सोच का अंदाजा सहज लगाया जा सकता है।
खतरे में सेहत
- अभी आया मई का पुष्टाहार, जिपं सदस्य जेपी सैनी के सवाल पर हुआ था खुलासा
जिले में 2770 आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत बच्चों, गर्भवती महिलाओं की सेहत में सुधार के लिए पोषणयुक्त आहार सरकार वितरित कराती है। इस पोषाहार का मकसद कुपोषण को दूर करना है। गर्भवती महिलाओं को पोषणयुक्त आहार व केंद्र पर आकर निगरानी कराने से सुरक्षित जच्चा-बच्चा रखना उद्देश्य है। लेकिन, सरकार की मंशा को सरकार के द्वारा ही पूरा नहीं किया जा रहा है। स्थिति यह है कि जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत 2,81,000 बच्चों व गर्भवतियों में से 60,000 के लिए पोषाहार ही नहीं आ रहा है। केवल 2,21,000 के हिस्से का पोषाहार मिल रहा है। वह भी चार महीने का बैकलॉग चल रहा है। इसका खुलासा 24 सितंबर को जिला पंचायत बोर्ड की बैठक में हुआ। जिला पंचायत सदस्य जेपी सैनी के सवाल पर जब जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अनुपमा शांडिल्य ने सदन में जवाब दिया तो सबके सामने यह जानकारी आई।
उन्होंने कहा कि शासन की ओर से अब पोषण ट्रेकर एप पर वेरीफिकेशन के बाद ही पोषणयुक्त आहार वितरित किया जाता है। इसका सत्यापन आधार कार्ड से लिंक पंजीकरण वाले बच्चों और गर्भवतियों का ही कराया जा रहा है। 60,000 का पोषणयुक्त आहार न मिलने से उनके आंकड़े से सदन में सभी चौंक गए थे। जिला कार्यक्रम अधिकारी का कहना है कि जिलाधिकारी के माध्यम से शासन को पत्र भेजा गया है। यह केवल जिले में नहीं पूरे प्रदेश की स्थिति है।
देवापुर में नियमित वितरण न होने का उठा था मामला
जिला पंचायत बोर्ड की बैठक में सदस्य जेपी सैनी ने अपने ग्राम पंचायत देवापुर में तीन महीने में एक बार बंटने की जांच कराने की बात कही थी। जिसको लेकर जिला कार्यक्रम अधिकारी ने इस बात को सदन के सामने रखा कि केवल देवापुर ही नहीं पूरे प्रदेश के बच्चों को वितरित करने के लिए अब तीन महीने पर पोषाहार मिल रहा है। चार महीने का बैकलाग चल रहा हे। इस बार जो पोषाहार वितरित हुआ है वह मई का था।
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