23 साल बाद रणजी ट्रॉफी के फाइनल में पहुंची मध्य प्रदेश टीम, बंगाल को 174 रन से हराया, मुंबई से होगी खिताबी भिड़ंत

23 साल बाद रणजी ट्रॉफी के फाइनल में पहुंची मध्य प्रदेश टीम, बंगाल को 174 रन से हराया, मुंबई से होगी खिताबी भिड़ंत

बेंगलुरु। 23 साल पहले चिन्नास्वामी स्टेडियम में मध्य प्रदेश का रणजी ट्रॉफ़ी जीतने का सपना टूट गया था। 23 साल बाद वह उसी मैदान पर फिर एक बार उस सपने को पूरा करने का प्रयास करेगी। उसके सामने 41 बार की चैंपियन मुंबई की चुनौती होगी जो 2016-17 के बाद पहली बार फ़ाइनल में पहुंची …

बेंगलुरु। 23 साल पहले चिन्नास्वामी स्टेडियम में मध्य प्रदेश का रणजी ट्रॉफ़ी जीतने का सपना टूट गया था। 23 साल बाद वह उसी मैदान पर फिर एक बार उस सपने को पूरा करने का प्रयास करेगी। उसके सामने 41 बार की चैंपियन मुंबई की चुनौती होगी जो 2016-17 के बाद पहली बार फ़ाइनल में पहुंची है। दिलचस्प बात यह है कि उस समय मुंबई के कोच रहे चंद्रकांत पंडित अब मध्य प्रदेश के ख़ेमे में हैं।

पहले मुंबई और फिर विदर्भ के साथ रणजी ट्रॉफ़ी जीतने के बाद उनके पास इतिहास को दोहराने का अच्छा मौक़ा है और तो और जब कर्नाटक ने 1998-99 में मध्य प्रदेश को फ़ाइनल में हराया था, तब पंडित टीम के कप्तान थे। दिग्गज कोच रमाकांत आचरेकर के शिष्य पंडित और अमोल मज़ुमदार (मुंबई के कोच) 22 जून को अपनी अपनी खड़ूस टीमों के साथ फ़ाइनल में होंगे। मध्य प्रदेश को फ़ाइनल में पहुंचाने का बड़ा श्रेय बाएं हाथ के स्पिनर कुमार कार्तिकेय को जाता है। पिछले हफ़्ते पंजाब के ख़िलाफ़ दूसरी पारी में छह विकेट लेने के बाद उन्होंने सेमीफ़ाइनल में बंगाल के विरुद्ध दूसरी पारी में पांच विकेट झटके।

पहली पारी में 97 पर चार की स्थिति से मध्य प्रदेश ने 341 का स्कोर खड़ा किया। हिमांशु मंत्री के 165 रन और 18 वर्षीय अक्षत रघुवंशी के साथ उनकी शतकीय साझेदारी ने इसमें अहम भूमिका निभाई। चोटिल मनोज तिवारी और शाहबाज़ अहमद के शतकों के दम पर बंगाल ने वापसी की। 54 रन पर पांच विकेट गंवाने के बाद इन दोनों ने रनों के बीच के अंतर को केवल 68 पर ला खड़ा किया। हालांकि रजत पाटीदार और आदित्य श्रीवास्तव के अर्धशतकों की बदौलत मध्य प्रदेश ने 350 का लक्ष्य खड़ा किया। जब अंतिम दिन का खेल शुरू हुआ तो बंगाल को 254 रनों की आवश्यकता थी और उनके छह विकेट शेष थे।

अंपायर के ख़राब पगबाधा फ़ैसले के अलावा उनका बल्लेबाज़ी क्रम स्पिन के आगे बिखर गया। बंगाल की ओर से कप्तान अभिमन्यु ईश्वरन ने 78 रन बनाए लेकिन कार्तिकेय की लो रही गेंद पर जब वह बोल्ड हुए तब मैच उनकी पकड़ से दूर जा चुका था। 66वें ओवर में मध्य प्रदेश ने जीत पूरी की जब गौरव यादव ने मुकेश कुमार को बोल्ड किया। 175 रनों पर बंगाल की पारी सिमटी। शाहबाज़ 82 गेंदों पर 22 रन बनाकर नाबाद रहे।

अजीब बात यह रही कि दूसरे छोर पर गिरते विकेटों के बावजूद उन्होंने आक्रामक रवैया नहीं अपनाया। इस मैच में बंगाल ने एक अतिरिक्त ऑलराउंडर को खिलाकर अपनी बल्लेबाज़ी को मज़बूत किया था। इस वजह से इशान पोरेल को ड्रॉप किया गया और यह फ़ैसला भारी पड़ गया। उनकी जगह खेल रहे सायन मंडल ने दो पारियों में केवल एक रन बनाया और 16 ओवरों में उन्हें एक भी विकेट नहीं मिला।

मध्य प्रदेश के हाथों मिली हार के बाद बंगाल के निराशाजनक सीज़न का अंत हुआ। इस सीज़न में कई दफ़ा उन्होंने शानदार खेल दिखाया था लेकिन वह निरंतरता नहीं ला पाए। वहीं दूसरी तरफ़ मध्य प्रदेश ने क्वार्टर-फ़ाइनल और सेमीफ़ाइनल में दमदार जीत करते हुए निर्णायक मुक़ाबले में जगह बनाई। मैच में 165 और 21 रन बनाने वाले मध्य प्रदेश के हिमांशु मंत्री को प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार मिला।

संक्षिप्त स्कोर:
मध्य प्रदेश: 341 और 281
बंगाल: 273 और 175

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