जानें इस हनुमान मंदिर में क्यों है भक्तों‍ की आस्था…

जानें इस हनुमान मंदिर में क्यों है भक्तों‍ की आस्था…

हल्द्वानी, अमृत विचार। नैनीताल जिले में रामनगर से सटे अंजनी ग्राम छोई में निर्माणधीन हनुमान धाम सेवा और भक्ति का केंद्र है। यह भारत ही नहीं अलबत्ता दुनिया का अकेला ऐसा मन्दिर है जहां एक साथ बजरंगबली के नौ रूपों के साथ ही उनकी बारह लीलाओं के दर्शन होते हैं। मन्दिर का निर्माण करा रहे …

हल्द्वानी, अमृत विचार। नैनीताल जिले में रामनगर से सटे अंजनी ग्राम छोई में निर्माणधीन हनुमान धाम सेवा और भक्ति का केंद्र है। यह भारत ही नहीं अलबत्ता दुनिया का अकेला ऐसा मन्दिर है जहां एक साथ बजरंगबली के नौ रूपों के साथ ही उनकी बारह लीलाओं के दर्शन होते हैं। मन्दिर का निर्माण करा रहे हनुमान सेवा ट्रस्ट के संरक्षक आचार्य विजय बताते हैं कि मंदिर का निर्माण अनवरत जारी है। इस धाम का दुनिया का सबसे खूबसूरत धाम बनाया जाएगा।

हनुमान धाम से संस्थापक आचार्य विजय बताते हैं कि हनुमान धाम में 2011 से शुरू हुआ निर्माण कार्य जारी है। हनुमान धाम भारत के पांचवें धाम के रूप में अपनी कीर्ति पताका पूरे विश्व में लहराएगा। क्योंकी हनुमान जी के नौ स्वरूप और 12 लीलाओं यानी उनके कुल 21 स्वरूप को दर्शाने वाला यह दुनिया में अकेला मन्दिर है। कहते है यह धाम देश की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत की रक्षा एवं संवर्धन का प्रमुख केंद्र साबित होगा।

प्रतिदिन पहुंचते हैं सैकड़ों श्रद्धालु
हनुमान धाम पूरी तरह से तैयार भी नहीं हुआ है कि मंदिर के भव्य स्वरूप और मंदिर में विराजमान हनुमान जी के विभिन्न रूप देखने के लिए हर रोज सैकड़ों लोग पहुंच रहे हैं। किशनपुर छोई में अंजनी ग्राम के नाम से विख्यात हो चले हनुमान धाम में अब गिरिजा मंदिर के अलावा कॉर्बेट पार्क आने वाले पर्यटक भी भारी संख्या में पहुंचते हैं।

 सेवा और भक्ति का केंद्र
आचार्य विजय कहते हैं कि हनुमान जी के जीवन के दो ही लक्ष्य थे सेवा और भक्ति। बस उनके आदर्शों पर चलते ही इस धाम का निर्माण किया है। धाम में भक्ति का काम यानी मन्दिर निर्माण और हनुमान जी के नौ स्वरूपों व 12 लीलाओं को मन्दिर में भक्तों के लिए स्थापित कर कर दिया गया है। अब सेवा कार्य के लिए काम होना बाकी है। जो प्रगति पर है।

ये है धाम में हनुमान के नौ रूप
1 – दिव्यस्वरूप
2 – माँ अंजनी के साथ बाल रूप
3 – राम जी के चरणों में दास्य रूप
4 – रमामणी हनुमान
5 – संकीर्तनी हनुमान
6 – पंच मुखी हनुमान
7 – संजीवनी हनुमान
8 – राम लक्ष्मण को कंधों पर लिए पराक्रमी हनुमान
9 – राम सीता हृदय में राममयी हनुमान।

 दिव्यांग और वानप्रस्थ आश्रम का निर्माण बाकी

आचार्य विजय कहते हैं धाम में दिव्यांग सेवा केंद्र का काम भी होना है, जहां दिव्यांगजनों को कृतिम अंग निशुल्क देकर इनकी सेवा की जा सके। अभी तक दो शिविर उनकी सेवा के लिए लगाए जा चुके है। इसी तरह वानप्रस्थ आश्रम बनना है जिसमें पति-पत्नी कुछ दिन आकर भक्ति भाव से यहां शांति पूर्वक अपना जीवन-यापन कर सकें।

कोरोना ने रोकी रफ्तार

मंदिर के संरक्षक विजय जी कहते हैं कि धाम के निर्माण के लिए पूरे देशभर से भक्तजन अपनी श्रद्धानुसार दान दे रहे हैं। जिससे धाम का काम चल रहा था। मगर कोरोना के कारण दान देने की स्थिति में फिलहाल कमी आयी है। मगर धाम में धीमे से ही सही काम जारी है।

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