बरेली: रामगंगा में बने मंदिर में हनुमान जी की प्रतिमा के दर्शन मात्र से ही दुख-दर्द हो जाते हैं दूर, हर मनोकामना होती है पूर्ण

बरेली: रामगंगा में बने मंदिर में हनुमान जी की प्रतिमा के दर्शन मात्र से ही दुख-दर्द हो जाते हैं दूर, हर मनोकामना होती है पूर्ण

बरेली, अमृत विचार। जिले में शायद ही बहुत कम लोग इस बात से बाखिफ होंगे की यहां भी संगम नगरी इलाहाबाद की तर्ज पर लेटे हुए हनुमान जी का विशाल मंदिर है। भगवान हनुमान जी के इस स्वरूप के दर्शन करने मात्र से ही लोगों के दुख-दर्द दूर हो जाते हैं। और उनकी मन की …

बरेली, अमृत विचार। जिले में शायद ही बहुत कम लोग इस बात से बाखिफ होंगे की यहां भी संगम नगरी इलाहाबाद की तर्ज पर लेटे हुए हनुमान जी का विशाल मंदिर है। भगवान हनुमान जी के इस स्वरूप के दर्शन करने मात्र से ही लोगों के दुख-दर्द दूर हो जाते हैं। और उनकी मन की मुराद पूरी हो जाती है। लेकिन जनप्रतिनिधियों की अनदेखी से मंदिर में लाइट तक नहीं लगी हुई है। कई बार मंदिर के पुजारी इस मामले में जनप्रतिनिधियों तक से दरकार लगा चुके हैं। लेकिन आज तक समस्या का समाधान नहीं हुआ है।

मंदिर के सर्वराकार सोवरनदास ने बताया कि यह मंदिर करीब दो साल पुराना है। एक समय इस मंदिर में मान्यता थी कि जब भी गांव के आस-पास शादी हो। मंदिर में नवविवाहित जोड़े को पहले भगवान राम, मां सीता के दर्शन करने के बाद भगवान हनुमान जी के दर्शन करते थे। साथ ही पांच बर्तन दान करने के करते थे। जिससे उनका जीवन सुख-शांतिपूर्वक बीते ।

मंदिर की खासियत
मान्यता है कि इस मंदिर को बने हुए लगभग दो साल हो चुकें हैं। मंदिर परिसर में अंजनी सुत भगवान हनुमान जी लेटी हुई मुद्रा में दर्शन दे रहे हैं। प्राचीन काल में राम-रावण युद्व के दौरान जब लक्क्षमण को रावण के पुत्र मेघनाथ ने युद्व में घायल कर दिया था। लक्क्षमण को बचाने के लिए हनुमान जी संजीवनी बुटी लेने गए थे। अयोध्या से गुजरने समय उन्हें शत्रु समझ कर भरत ने बाण मार कर घायल कर दिया था। हनुमान जी राम-राम कहते हुए गिर गए थे। भरत ने आर्शीवाद दिया था कि जो हनुमान जी के इस स्वरूप के दर्शन करेगा उसकी हर मनोकामना पूर्ण होगी।

मंदिर का निर्माण कराया था झाऊदास महाराज ने
बताया जाता था कि मंदिर का निर्माण महंत झाऊदास महाराज ने कराया था। उसके बाद चेले हरनाम दास, हरनाम दास के बाद सर्वेसुरदास, सर्वेसुरदास ने महंत रामरतनदास, व राम रतनदास के बाद इसकी जिम्मेदारी सोबरनदास को दी गई। इस मंदिर की देखभाल इस समय सोबरनदास कर रहें हैं।

मंदिर में नहीं है लाइट का इंतजाम
मंदिर के सर्वराकार सोबरनदास ने बताया मंदिर में दूर-दराज से भक्तों का आना जाना रहता है। लेकिन आज तक मंदिर में लाइट नहीं लगी है। मंदिर में लाइट लगवाने को लेकर वह बिथरी चैनपुर विधायक डाक्टर राघवेंद्र शर्मा से भी मिले। विधायक ने अधिशासी अभियंता को लिखकर भी दिया।लेकिन आज तक लाइट नहीं लगी।

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