बरेली: बीएल एग्रो के मालिकों ने खुद का बचाव कर दो अधिकारियों के सिर मढ़ा हादसे का दोष

बरेली/सीबीगंज, अमृत विचार। बीएल एग्रो की जौहरपुर फैक्ट्री में लापरवाही से हुई तीन मजदूरों की मौत के प्रकरण में प्रबंधन ने भले ही प्रशासनिक कार्रवाई से बचने के लिए खुद का बचाव करने का रास्ता तलाश लिया हो लेकिन इस प्रकरण में कई विभाग जांच कर रहे हैं। इससे फैक्ट्री मालिकों की मुश्किलें बढ़ती नजर …
बरेली/सीबीगंज, अमृत विचार। बीएल एग्रो की जौहरपुर फैक्ट्री में लापरवाही से हुई तीन मजदूरों की मौत के प्रकरण में प्रबंधन ने भले ही प्रशासनिक कार्रवाई से बचने के लिए खुद का बचाव करने का रास्ता तलाश लिया हो लेकिन इस प्रकरण में कई विभाग जांच कर रहे हैं। इससे फैक्ट्री मालिकों की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। फैक्ट्री मालिकों ने अपनी कमियों को छुपाने के लिए घटना के चौथे दिन शुक्रवार को ईटीपी प्लांट के हेड एसएस श्रीवास्तव और सुरक्षा अधिकारी प्रभु पांडे के ऊपर हादसे का दोष मढ़ दिया और खानापूर्ति की कार्रवाई कर हाथ झाड़ लिये।
दोनों अधिकारियों को पहले कारण बताओ नोटिस जारी कराया। उनसे जवाब मांगा। इसके बाद फैक्ट्री मालिकों ने गठित कमेटी की सिफारिश पर जवाब न देने की स्थिति में दोनों अधिकारियों को जांच पूरी होने तक निलंबित कर दिया, लेकिन फैक्ट्री प्रबंधन यह भूल गया कि इस प्रकरण में जिला प्रशासन कई स्तर पर जांच करा रहा है। इसमें श्रम, प्रदूषण और कर्मचारी भविष्य निधि विभाग को कई बिंदुओं की जांच करने के लिए लगाया है।
सबसे बड़ी बात यह है कि केमिकल युक्त गंदे पानी से भरे टैंक में तीन मजदूरों को उतारने और उसमें बनी जहरीली गैस से उनकी मौत होने व चार अन्य मजदूरों की जिंदगी खतरे में डालने के प्रकरण में उप निदेशक फैक्ट्री (आगरा) राकेश भी जांच करेंगे। उनसे जांच कराने के लिए अपर जिलाधिकारी नगर डा. आरडी पांडेय पहले ही तैयारी कर चुके हैं। एडीएम सिटी ने विभागों से जल्द निरीक्षण आख्या मांगी है।
बिना सुरक्षा उपकरणों के 15 फिट गहरे टैंक में उतारे थे मजदूर
बीते मंगलवार को बीएल एग्रो की जौहरपुर फैक्ट्री के तीन मजदूर यासीन, नीरज, विजय ईटीपी प्लांट की सफाई के दौरान 15 फीट गहरे टैंक में बिना सुरक्षा उपकरणों के उतरे थे। जबकि घुटनों तक इस टैंक में केमिकल युक्त गंदा पानी भी भरा हुआ था। उसी से टैंक में जहरीली गैस बन गई और उसी के संपर्क में आने से तीनों मजदूर बेहोश हो गए थे, जिसके बाद उन्हें बचाने टेंक में उतरे चार और साथी भी बेहोश हो गए थे।
इसमें से भोजीपुरा स्थित मेडिकल कॉलेज में उपचार के दौरान यासीन, नीरज, विजय ने दम तोड़ दिया था। हालांकि फैक्ट्री प्रबंधन व मृतकों के परिवार वालों के बीच मुआवजा देने की बात पर समझौता हो गया था। परिजनों ने किसी भी कानूनी कार्रवाई से इंकार कर दिया था, लेकिन हादसा बड़ी लापरवाही से हुआ, इसलिए प्रशासन जांच करा रहा है।
प्रदूषण, श्रम और इंडस्ट्री से रिपोर्ट मांगी गई है। उप निदेशक फैक्ट्री की जांच होने के बाद वह खुद प्रकरण की जांच करेंगे। इस मामले में लापरवाही पहले ही सामने आ चुकी है। अन्य फैक्ट्रियों में भी निरीक्षण कराया जा रहा है। -डा. आरडी पांडेय, अपर जिलाधिकारी नगर
प्रारंभिक जांच में ईटीपी प्लांट हेड और सुरक्षा अधिकारी की लापरवाही सामने आई। जांच पूरी होने तक दोनों को निलंबित किया गया है। अभी फैक्ट्री की तकनीकी टीम जांच कर रही है। -अजय भट्ट, एचआर मैनेजर, बीएल एग्रो