बरेली: शिक्षा विभाग हुआ सख्त, रसोइयों के आभूषण पहनकर भोजन बनाने पर रोक

बरेली: शिक्षा विभाग हुआ सख्त, रसोइयों के आभूषण पहनकर भोजन बनाने पर रोक

बरेली, अमृत विचार। कोविड संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए शिक्षा विभाग भी सतर्क हो गया है। सभी सुरक्षा व्यवस्थाओं को फिर से प्रभावी करने के निर्देश दिए गए हैं। बच्चों का भोजन तैयार करने वाली रसोइयों को एहतियात बरतने को कहा गया है। मध्यान्ह भोजन प्राधिकरण ने रसोइयों के आभूषण पहनकर भोजन पकाने …

बरेली, अमृत विचार। कोविड संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए शिक्षा विभाग भी सतर्क हो गया है। सभी सुरक्षा व्यवस्थाओं को फिर से प्रभावी करने के निर्देश दिए गए हैं। बच्चों का भोजन तैयार करने वाली रसोइयों को एहतियात बरतने को कहा गया है। मध्यान्ह भोजन प्राधिकरण ने रसोइयों के आभूषण पहनकर भोजन पकाने पर रोक लगा दी है।

जिले के 2483 परिषदीय स्कूलों में बच्चों के लिए दोपहर को भोजन बनाने के लिए 6263 रसोइया कार्यरत हैं, जो 4 लाख 10 हजार बच्चों का भोजन तैयार करती हैं। उधर, मध्यान्ह भोजन प्राधिकरण के निर्देश पर रसोइयों ने आपत्ति जताते हुए इसे लागू न करने की अपील की है।

स्कूलों में रसोइयों के पद पर हैं शत प्रतिशत महिलाएं
प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में शत प्रतिशत रसोइयों के पद पर महिलाएं हैं। रसोइयों का कहना है कि पूर्ण रूप से गहनों पर रोक लगाना उचित नहीं है । गहने भारतीय संस्कृति का हिस्सा हैं। ऐसे में प्राधिकरण की ओर से रसोइयों के लिए आभूषण पहनकर खाना पकाने पर रोक लगाने का फैसला चौकाने वाला है।

हालांकि, निर्देशों में रोक का कारण स्पष्ट नहीं है। कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए जारी निर्देश में इसे शामिल किया गया है। उनका कहना है कि शिक्षकों के लिए ऐसे निर्देश नहीं हैं, सिर्फ रसोइयों के लिए यह रोक क्यों लागू की गई है।

यह निर्देश मध्यान्ह भोजन प्राधिकरण की ओर से बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए जारी किया गया है। आदेश के पालन के लिए सभी प्रधानाध्यापकों को पत्र भेज कर तत्काल प्रभाव से इसे लागू कराने के लिए कहा गया है। विद्यालय में प्रवेश करने से पहले रसोइयों को साबुन से हाथ धोकर सैनेटाइज करना होगा। रसोई घर में मास्क पहनना अनिवार्य हैविनय कुमार, बीएसए।

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