बरेली: पटाखा व्यापारियों को बड़ी राहत, निरस्त लाइसेंस तीन माह के लिए बहाल

बरेली, अमृत विचार। निरस्त पटाखा लाइसेंस को बहाल कराने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे सौ फुटा और मिनी बाईपास के 19 व्यापारियों को आखिरकार मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे ने तबादला होने से पहले बड़ी राहत दे दी। मंडलायुक्त ने अपनी कोर्ट में सुनवाई करने के साथ सील दुकानों का स्थलीय निरीक्षण करने के बाद …

बरेली, अमृत विचार। निरस्त पटाखा लाइसेंस को बहाल कराने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे सौ फुटा और मिनी बाईपास के 19 व्यापारियों को आखिरकार मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे ने तबादला होने से पहले बड़ी राहत दे दी। मंडलायुक्त ने अपनी कोर्ट में सुनवाई करने के साथ सील दुकानों का स्थलीय निरीक्षण करने के बाद डीएम के आदेश को निरस्त कर दिया और निरस्त लाइसेंस का तीन माह के लिए नवीनीकरण करने का आदेश जारी कर दिया।

मंडलायुक्त ने आदेश में कहा है कि डीएम की ओर से 27 अक्टूबर 2021 को पारित आपेक्षित आदेश को निरस्त किया जाता है। प्रकरण जिला मजिस्ट्रेट को इस निर्देश के साथ प्रतिप्रेषित किया जाता है कि उपर्युक्त विवेचना के परिप्रेक्ष्य में अपीलकर्ता को साक्ष्य और सुनवाई का अवसर प्रदान करें। विलंबतम तीन माह में प्रकरण का गुण-दोष के आधार पर निस्तारण सुनिश्चित करें। जांच/सुनवाई की अवधि (तीन माह) के लिए अपीलकर्ता के आतिशबाजी लाइसेंस का नवीनीकरण कर दिया जाए।

साथ ही अपीलकर्ता को भी निर्देश दिए जाते हैं कि जिला मजिस्ट्रेट द्वारा उप्र विस्फोटक अधिनियम/नियमावली के प्रावधानों के परिप्रेक्ष्य में जिन शर्तों के साथ लाइसेंस का नवीनीकरण किया जाएगा, अपीलकर्ता उन शर्तों का पालन करने के लिए बाध्य होगा। तीन माह के बाद अनुपालन आख्या जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत करेगा। मंडलायुक्त ने अपने आदेश की अंतिम लाइन में लिखा कि यह आदेश 29 सितंबर को हस्ताक्षरित होकर खुले न्यायालय में सुनाया गया।

हाईकोर्ट के निर्देश मिलने पर मंडलायुक्त ने सुनवाई कर व्यापारियों को दिया मौका
करीब दो माह पहले पुलिस-प्रशासन ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए लाइसेंस निरस्त वाली दुकानों को सील किया था। तब व्यापारियों ने मंडलायुक्त कोर्ट में अपील दायर की थी, लेकिन वह खारिज कर दी गई। इसके बाद व्यापारी न्याय पाने के लिए हाईकोर्ट चले गए थे। हाईकोर्ट ने व्यापारियों की याचिका पर सुनवाई कर मंडलायुक्त को व्यापारियों की निरस्त आदेश के विरुद्ध दी गई अपील पर पुनर्विचार करने के दिशा-निर्देश जारी किए थे।

हाईकोर्ट ने पूरा मामला मंडलायुक्त पर छोड़ दिया था। इसके बाद हाईकोर्ट के दिशा-निर्देश पर मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे ने अपनी कोर्ट में व्यापारियों की अपील पर सुनवाई शुरू की। तीन दिन पहले मंडलायुक्त ने सुनवाई कर ली थी। इसके बाद उन्होंने सौ फुटा और मिनी बाईपास की सील दुकानों का निरीक्षण किया। एक-एक दुकान को देखा। आसपास आबादी के क्षेत्र को भी देखा। इसके बाद से मंडलायुक्त के आदेश का व्यापारी इंतजार कर रहे थे। दो दिन से व्यापारियों की रात और दिन इसी कसमकस में बीता कि मंडलायुक्त की कोर्ट से फैसला कब आएगा। आखिरकार शुक्रवार को वह दिन आ ही गया।

आतिशबाजी व्यापार संघ के अध्यक्ष कृष्ण देव सूद, संयोजक आशीष सिंघल समेत अन्य व्यापारियों की नींद गायब हो गई थी। सभी को यह डर सता रहा था कि यह मौका नहीं मिला ताे उनके सामने रोजी-रोटी का संकट गहरा जाएगा और इस दीपावली पर कैसे कारोबार कर पाएंगे मगर शुक्रवार को मंडलायुक्त के आदेश को देख व्यापारियों के चेहरे खिल उठे। अध्यक्ष कृष्ण देव अपने साथियों के साथ दिन में मंडलायुक्त कार्यालय भी पहुंचे हुए थे। व्यापारियों ने अमृत विचार का भी धन्यवाद दिया है। कहा कि अमृत विचार ने सकारात्मक पहलुओं को छापकर प्रशासन के सामने व्यापारियों की पीड़ा को उजागर किया था।

पिछले निरस्त हुए थे लाइसेंस
बरेली। पिछले साल 27 अक्टूबर 2021 काे जिला प्रशासन ने सीएफओ और पुलिस की आख्या पर सौ फुटा और मिनी बाईपास की 20 पटाखा दुकानों के लाइसेंस को आबादी के बीच में होने की बात कहते निरस्त कर दिया था। हालांकि पिछली दीपावली पर भी पटाखा दुकानें खोली गई थीं। उसके बाद प्रशासन ने सख्ती दिखाई और दुकानों को बंद करवाया था। करीब छह माह से दुकानें पूर्णरूप से बंद हैं। दो माह पहले प्रशासन ने दुकानों में सील भी लगा दी थी।

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