बहराइच : बाढ़ के पानी में बह गया गांव का विकास कार्य, आवागमन ठप

अमृत विचार, बहराइच। समदा गांव के पास पुलिया बना था। इससे क्षेत्र के गांवों के लोग आवागमन करते थे, लेकिन 15 दिन पूर्व आई बाढ़ में पुलिया बह गया। इससे अब आवागमन भी ठप हो गया है। आवागमन ठप से ग्राम पंचायतों की 30 हजार से अधिक की आबादी प्रभावित है। लेकिन पीडब्ल्यूडी के साथ …
अमृत विचार, बहराइच। समदा गांव के पास पुलिया बना था। इससे क्षेत्र के गांवों के लोग आवागमन करते थे, लेकिन 15 दिन पूर्व आई बाढ़ में पुलिया बह गया। इससे अब आवागमन भी ठप हो गया है। आवागमन ठप से ग्राम पंचायतों की 30 हजार से अधिक की आबादी प्रभावित है। लेकिन पीडब्ल्यूडी के साथ तहसील के अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।
महसी तहसील अंर्तगत ग्राम पंचायत समदा के निकट एक पुलिया का निर्माण वर्ष 2016 में पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा कराया गया था। इस पुलिया से फखरपुर ब्लॉक और महसी तहसील के गांव के 30 हजार से अधिक लोगों का आवागमन होता है। छह माह पूर्व पुलिया और सड़क पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। इसकी शिकायत क्षेत्र के लोगों ने एसडीएम और पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों से की। लेकिन शिकायत के बाद भी किसी अधिकारी ने कोई ध्यान नहीं दिया।
जिस पर ग्रामीणों ने चंदा एकत्रित कर सड़क निर्माण के साथ पुलिया का मरम्मत कराया। निर्माण होने पर गांवों का आवागमन बहाल हो सका। लेकिन 15 दिन पूर्व बाढ़ आ गई। बाढ़ आने से पुलिया ही बह गई। अब लोगों का आवागमन ठप हो गया है। इसकी शिकायत सभी ने पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से की, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया है। सड़क पूरी तरह से गड्ढों में तब्दील हो गई है। गांव के लोगों ने सड़क और पुलिया निर्माण कराए जाने की मांग की है। इस मामले में एसडीएम रामदास से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों से बात कर समस्या का समाधान निकाला जाएगा।
समदा गांव के लोगों का कहना है कि सड़क इतनी खराब है कि गांव में किसी को जरूरत पड़ने पर एंबुलेंस नहीं जा पाती है और न ही पुलिस विभाग का कोई वाहन जा पाता है। जिससे ग्रामीण परेशान हैं। जर्जर सड़क और टूटी पुलिया के मामले में गांव निवासी दिनेश कुमार और गंगा प्रसाद ने बताया कि इस मार्ग से लगभग 30 हजार से अधिक लोगों का आवागमन होता है। लेकिन तहसील के साथ पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारी मौन बने हुए हैं। इसका खमियाजा गांव के लोगों को उठाना पड़ रहा है। सभी का कहना है कि अधिकारी इस मार्ग से गुजरें, तब उन्हें समस्या का पता चले।
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