लखीमपुर-खीरी: बाछेपारा गांव में अब बचे हैं सिर्फ 30 घर

लखीमपुर-खीरी/धौरहरा, अमृत विचार। तहसील क्षेत्र के रमियाबेहड़ में बाछेपारा व गोडियन पुरवा गांव पर संकटों के बादल मंडरा रहे हैं यह गांव कभी भी पूरी तरह से घाघरा नदी में समा सकते हैं। घाघरा ने बाछेपारा गांव के करीब एक सौ बीस घरों का कटान कर लिया है। अब सिर्फ 30 घर बचे हैं वे भी …
लखीमपुर-खीरी/धौरहरा, अमृत विचार। तहसील क्षेत्र के रमियाबेहड़ में बाछेपारा व गोडियन पुरवा गांव पर संकटों के बादल मंडरा रहे हैं यह गांव कभी भी पूरी तरह से घाघरा नदी में समा सकते हैं। घाघरा ने बाछेपारा गांव के करीब एक सौ बीस घरों का कटान कर लिया है। अब सिर्फ 30 घर बचे हैं वे भी घाघरा की जद में हैं। फिलहाल नदी ने आबादी में कटान धीमा किया है वहीं जमीन का लगातार कटान कर रही है। ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है। लोग अपने घरों को तोड़कर सुरक्षित स्थानों की तरफ पलायन कर रहे हैं।
रमियाबेहड़ इलाके के बाछेपारा गांव में बीते एक महीने से करीब 120 घर घाघरा नदी में समा चुके हैं । ग्रामीण अपने खून पसीने की कमाई से बनाए गए घरों को तोड़कर मलबा उठा ले गए हैं या फिर नदी ने उनको अपनी जद में ले लिया है। बाछेपारा गांव में अभी भी करीब 30 घर कटान की जद में है जो कभी भी घाघरा नदी की भेंट चढ़ सकते है।
बाढ़ खण्ड गांव को बचाने के हर सम्भव प्रयास कर रहा है लेकिन घाघरा की तेज लहरें व बरसात बचाव कार्य में बाधा बन रही हैं। वहीं शारदा नदी भी रैनी, समदहा, जमदरी, खनवापुर में कृषि योग्य भूमि का कटान कर रही है। ग्रामीण खून पसीने की मेहनत से उगाई गई लहलहाती फसलें नदी में समाते देख रहा है ।