बरेली: हजारों मकानों पर नहीं लगा टैक्स, नगर निगम को हो रहा नुकसान

बरेली: हजारों मकानों पर नहीं लगा टैक्स, नगर निगम को हो रहा नुकसान

बरेली, अमृत विचार। लाकडाउन से खराब हुई निकायों की आर्थिक स्थिति को ठीक करने के लिए नई कॉलोनियों से हाउस टैक्स वसूली पर अब अधिक जोर देने की तैयारी है लेकिन नगर निगम के अधिकारियों के सामने दिक्कत यह है कि शासन ने मकानों की सही संख्या का पता लगाने के लिए सेटेलाइट से सर्वे …

बरेली, अमृत विचार। लाकडाउन से खराब हुई निकायों की आर्थिक स्थिति को ठीक करने के लिए नई कॉलोनियों से हाउस टैक्स वसूली पर अब अधिक जोर देने की तैयारी है लेकिन नगर निगम के अधिकारियों के सामने दिक्कत यह है कि शासन ने मकानों की सही संख्या का पता लगाने के लिए सेटेलाइट से सर्वे करने का ठेका जिस कंपनी को दिया था, उसकी रिपोर्ट ही नगर निगम को नहीं मिली है। ऐसे में बड़ी संख्या में मकानों का सर्वे न होने और उनसे टैक्स की वसूली न हो पाने से नगर निगम को हर साल कई राजस्व के तौर पर भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

स्थानीय निकाय निदेशालय चाहता है कि शहरों में बसे नए क्षेत्रों का सेटेलाइट मैप तैयार कराया जाए। इसके आधार पर यह पता लाया जाए कि नगर निगम सीमा क्षेत्र में कुल कितने मकान पिछले कुछ वर्षों में बने हैं। इन मकानों और प्रतिष्ठानों से हाउस टैक्स की वसूली हो रही है या नहीं। सेटेलाइट मैप के आधार पर इन मकानों और प्रतिष्ठानों का स्थलीय सर्वे कराया जाएगा।

इस सर्वे के दौरान ही नगर निगम सीमा में आने वाले मकान मालिकों से उसने हाउस टैक्स जमा करने के बारे में जानकारी ली जाएगी। शहरी क्षेत्रों में बनने वाले मकानों का सर्वे पिछले कई सालों से नहीं हुआ है। नगर निगम अधिनियम में दी गई व्यवस्था के आधार पर नगर निगम सीमा क्षेत्र में बनने वाले मकानों का

प्रत्येक साल सर्वे कराया जाना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं होता है। इसके चलते शहरों में बनने वाले नए मकानों से हाउस टैक्स की वसूली नहीं हो पाती है। दिक्कत यह आ रही है कि शासन ने जिस कंपनी को सेटेलाइट से सर्वे करने की जिम्मेदारी दी थी, वह आज तक अपनी रिपोर्ट ही नहीं दे सकी है। अपर नगर आयुक्त अजीत कुमार सिंह का कहना है कि जिस कंपनी को सेटेलाइट सर्वे कराना था, उसकी रिपोर्ट आनी बाकी है।

अभी करीब 1.42 लाख मकानों से ही वसूला जा रहा टैक्स
नगर निगम अभी केवल लगभग 1.42 लाख मकानों से ही हाउस टैक्स की वसूली कर रहा है। जबकि शहर में हर साल सैकड़ों नए मकानों की संख्या बढ़ जाती है। सूत्रों का कहना है कि निगम जितने मकानों से टैक्स वसूल रहा है, वह शहर में कुल बने मकानों की संख्या का 60 से 70 फीसदी ही हिस्सा है।

नगर निगम के पास नहीं है सही आंकड़ा
नगर निगम के पास शहर में आवासीय व व्यावसायिक भवनों का सही आंकड़ा अब तक नहीं है। सर्वे के लिए सितंबर 2019 में कंपनी को काम दिया गया। कंपनी को यह काम अगस्त 2021 तक पूरा करना है। इसके लिए कंपनी को रोजाना 750 से ज्यादा भवनों का सर्वे करना था लेकिन यह काम अब तक पूरा नहीं हुआ।

असम-मिजोरम सीमा विवाद भड़कने के पीछे अवैध बांग्लादेशी