बरेली: आवंटियों की मौत के बावजूद नहीं निरस्त हुई दुकानें

बरेली, अमृत विचार। नॉवल्टी मार्केट में नगर निगम की दुकानों में आवंटियों के खुर्द-बुर्द करने और बगैर अनुमति के अवैध निर्माण का मामला सुर्खियों में आने के बाद एक और गड़बड़ी उजागर हो रही है। अधिकारियों के सामने यह भी खुलासा हो रहा है कि तमाम आवंटियों ने गैरकानूनी तरीके से दूसरों को दुकानों मोटे …

बरेली, अमृत विचार। नॉवल्टी मार्केट में नगर निगम की दुकानों में आवंटियों के खुर्द-बुर्द करने और बगैर अनुमति के अवैध निर्माण का मामला सुर्खियों में आने के बाद एक और गड़बड़ी उजागर हो रही है। अधिकारियों के सामने यह भी खुलासा हो रहा है कि तमाम आवंटियों ने गैरकानूनी तरीके से दूसरों को दुकानों मोटे किराए पर दे रखी हैं या फिर वर्षों पहले तमाम आवंटियों के निधन के बाद दुकानों का नियमानुसार पुराना आवंटन निरस्त करने और नए सिरे से दुकानों को किराए पर उठाने की प्रक्रिया का भी अनुपालन नहीं किया गया है। ऐसी दुकानों का पता लगाने के लिए रिकार्डों को खंगाला जा रहा है। ऐसे मामलों में जल्द ही कार्रवाई की बात कही जा रही है।

नगर निगम सीमा क्षेत्र स्थित 51 मार्केट में करीब 1350 दुकानें हैं। इन दुकानों से नगर निगम को हर साल राजस्व के तौर पर काफी आमदनी होती है लेकिन हाल में नगर निगम की दुकानों को लेकर बड़ी गड़बड़ी का खुलासा हुआ है। नगर निगम की कार्यकारिणी समिति की शिकायत पर नगर निगम के अधिकारियों ने जब नॉवल्टी में बनी निगम की दुकानों की जांच की तो सामने आया है कि दुकानदारों ने निर्धारित ऊंचाई से कहीं ज्यादा लिंटर डालकर शर्तों का उल्लंघन किया है।

इतना ही नहीं, कई दुकानदारों ने बगैर एनओसी के दोमंजिला दुकानों तक के निर्माण करा लिए हैं। इस मामले में यहां 10 दुकानदारों को नोटिस भी जारी किए जा चुके हैं। बताते हैं कि इस तरह की गड़बड़ी केवल नॉवल्टी मार्केट में बनी दुकानों में ही नहीं, बल्कि तमाम दूसरी दुकानों को लेकर भी हुई है। पूर्व में तैनात रहे नगर निगम के अधिकारियों और सर्वेयरों की मिलीभगत से ऐसी मामलों को दबा दिया गया है।

सूत्रों का कहना है कि नगर निगम की तमाम दुकानें 50 से 60 साल तक पुरानी है। उस समय के तमाम आवंटियों में तमाम का निधन हो चुका है। नियमानुसार ऐसी दुकानों के आवंटन निरस्त करके नए सिरे से किरायानामा निर्धारित होना चाहिए लेकिन कई मामलों में तो अभी मृतक आवंटियों के नाम पर ही किराए की रसीदें काटने की जानकारी मिल रही है। इसे लेकर नगर निगम प्रशासन रिकार्डों की जांच करा रहा है।

नया आवंटन न होने से निगम को लगा तगड़ा झटका
दुकानों का नया किरायानामा या नए सिरे से आवंटन न होने से पुरानी दुकानें के किराए भी बहुत ही कम बढ़ सके हैं। अब तक हाल में सीबीगंज, प्रेमनगर सहित कई जगहों पर बनी दुकानों के किराए 4000 से लेकर 12000 रुपये तक निर्धारित किए जा चुके हैं। जबकि पुराने आवंटन के चलते नगर निगम बड़ी संख्या में दुकानों का किराया इससे कहीं कम है। इसके चलते नगर निगम प्रशासन को इससे काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

दूसरे किराएदारों को भी उठा दी गईं दुकानें
नगर निगम अब यह जांच भी करा रहा है कि ऐसे कितने आवंटी है, जिन्होंने दुकान पर खुद न बैठकर मोटे किराए पर दूसरों को दुकानें आवंटित कर रखी हैं। नॉवल्टी के साथ ही कुतुबखाना में भी कई दुकानें ऐसी बताई जा रही हैं, जो शहर के मुख्य बाजार होने की वजह से आवंटियों ने नियमों के खिलाफ जाकर दुकानें किराए पर उठा दी हैं। इसका कोई पुरसाहाल नहीं है।

फुट-फुट बिक गया फुटपाथ
तमाम दूसरे दुकानदारों के साथ ही नगर निगम के दुकानदारों ने भी अपनी दुकानों के आगे फुटपाथ को भी फुट-फुट के हिसाब से किराए पर उठा दिया है। इससे भी दुकानदारों को काफी मोटी आमदनी हो रही है। जबकि नगर निगम को दिए जाने वाले पक्की दुकान के किराए का निर्धारण इससे कई गुना तक कम है।

नगर निगम की नॉवल्टी मार्केट में दुकानों की जांच कराई जा रही है। दूसरी गड़बड़ी को लेकर भी जैसे ही कोई सूचना आएंगी तो उसकी भी जांच कराकर कार्रवाई होगी। -अजीत कुमार सिंह, अपर नगर आयुक्त