टनकपुर: बारिश से दरकी पहाड़ी, चम्पावत-टनकपुर राष्ट्रीय राजमार्ग बंद

टनकपुर, अमृत विचार। पहाड़ में हुई बरसात से जनजीवन खासा प्रभावित रहा। वहीं चम्पावत-टनकपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर धौन-स्वाला के बीच पहाड़ी का एक हिस्सा दरक कर सड़क पर आ गया। सुबह 7: 40 बजे से पूर्वान्ह 11:20 बजे तक लगभग चार घंटे तक एनएच पर वाहनों की आवाजाही ठप रही। आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार …
टनकपुर, अमृत विचार। पहाड़ में हुई बरसात से जनजीवन खासा प्रभावित रहा। वहीं चम्पावत-टनकपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर धौन-स्वाला के बीच पहाड़ी का एक हिस्सा दरक कर सड़क पर आ गया। सुबह 7: 40 बजे से पूर्वान्ह 11:20 बजे तक लगभग चार घंटे तक एनएच पर वाहनों की आवाजाही ठप रही। आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार मलबा गिरने को सिलसिला सोमवार की देर रात से ही शुरू हो गया था। सुबह हुई बारिश से मलबे के साथ बड़े-बड़े बोल्डर गिर गए और मार्ग बाधित होने से जाम लग गया। धौन में मलबे के बीच एक कार फंस गई। हालांकि कार में कोई यात्री नहीं था। मलबा हटाने के बाद कार को निकाल लिया गया।
सोमवार दोपहर बाद जिले में बारिश का सिलसिला थम गया था, लेकिन मंगलवार की देर रात तीन बजे से हल्की बारिश शुरू हो गई। सुबह आठ बजे से बारिश की गति काफी तेज हो गई। बारिश से धौन-स्वाला के बीच जबर्दस्त भू-स्खलन हुआ। लगातार हो रही बारिश के बीच मलबा हटाने का कार्य जारी रखा गया। चार घंटे के इंतजार के बाद मलबा हटाया जा सका।
पूर्वान्ह 11:30 बजे से बारिश थम गई, जिसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली। सुबह के समय सुरक्षा की दृष्टि से टनकपुर के ककरालीगेट और चम्पावत में वाहनों को रोक दिया गया। लोहाघाट-पिथौरागढ़ मार्ग पर बापरू, तल्ली बाराकोट एवं भारतोली के पास भी मलबा गिरा, जिसके समय रहते हटा लिए जाने से यातायात प्रभावित नहीं हुआ। मंगलवार की सुबह मैदानी क्षेत्र टनकपुर में भी सुबह पांच बजे से छह बजे तक मूसलधार बारिश हुई।
पहाड़ पर बारिश के साथ आफत आती है। अभी दो दिन पहले ही बारिश की वजह से एक ही परिवार के तीन लोग मलबे में दब गए और उनकी मौत हो गई। बागेश्वर की इस घटना में सात साल के एक मासूम की भी मौत हो गई। बारिश के साथ आफत का ये सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। आलम यह है कि चम्पावत जिले में बारिश की वजह से एक दर्जन से ज्यादा ग्रामीण सड़कें बंद है। इन सड़कों पर भारी मलबा जमा है। जिसे हटाने का काम किया जा रहा है, लेकिन दो दिन बाद भी इन ग्रामीण सड़कों से मलबा नहीं हटाया जा सका। जिसके चलते ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।