मैथिली ठाकुर के सुरों पर झूमा मुरादाबाद

मैथिली ठाकुर के सुरों पर झूमा मुरादाबाद

मुरादाबाद,अमृत विचार। ताल का किनारा हो और सुर-संगीत की बयार हो, फिर तो महफिल का जमना तय है। वसंत महोत्सव में सुरों की बयार बहाने आई लोक गायिका मैथिली ठाकुर ने यह अवसर शहरवासियों को दिया। उन्होंने अपने सुरीले लोकगीतों से लोगों को झूमने के लिए मजबूर कर दिया। सूफी गीत और भजनों की प्रस्तुति …

मुरादाबाद,अमृत विचार। ताल का किनारा हो और सुर-संगीत की बयार हो, फिर तो महफिल का जमना तय है। वसंत महोत्सव में सुरों की बयार बहाने आई लोक गायिका मैथिली ठाकुर ने यह अवसर शहरवासियों को दिया। उन्होंने अपने सुरीले लोकगीतों से लोगों को झूमने के लिए मजबूर कर दिया। सूफी गीत और भजनों की प्रस्तुति से उन्होंने माहौल में रंग घोलने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी।

रविवार को रेलवे स्टेडियम में सामाजिक और सांस्कृतिक पूर्वांचलवासी संस्था के चार दिवसीय वसंतोत्सव का उद्घाटन मुख्य अतिथि खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के उपाध्यक्ष गोपाल अंजान और लोकगायिका मैथिली ठाकुर के साथ संस्था के पदाधिकारियों ने दीप प्रज्जवलित कर किया। छाप तिलक सब छीनी… जुग-जुग जियो सो ललनवा…हो पिया मेंहदी मंगा दो मोती झील से… दमा दम मस्त कलांदर-अलीदा पहला नंबर जैसे गीतों पर लोग अपने कदमों को थिरकने से रोक न सके।

महोत्सव में पूरब के प्रसिद्ध व्यंजन स्टाल लिटी चोखा, सिलाव का खाजा, गया का अनरसा और कलाकृति स्टाल आकर्षण का केंद्र रहा। बहन मैथिली का तबले पर साथ निभा रहे ऋषभ की तालों ने भी श्रोताओं की तालियां बटोरीं। मुख्य अतिथि गोपाल अंजान कार्यक्रम की मुक्त कंठ से प्रशंसा की। सरस्वती रहेंगी तो लक्ष्मी भी आएंगी। पूर्वांचल संस्था को पांच सौ वर्ष का इतिहास बताने की बधाई दी।

इस दौरान स्कालरडेन कोचिंग संस्थान के निदेशक और कार्यक्रम के अध्यक्ष विवेक ठाकुर, संरक्षक राजेश चौबे, सचिव अमित दुबे ने मैथिली ठाकुर को पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया। इस दौरान महापौर विनोद अग्रवाल, अभिषेक चौबे आदि मौजूद रहे।