बरेली: 12 साल बाद भी खाली हैं 16 रोग विशेषज्ञों के पद, मरीजों को नहीं मिल रहा इलाज

बरेली: 12 साल बाद भी खाली हैं 16 रोग विशेषज्ञों के पद, मरीजों को नहीं मिल रहा इलाज

बरेली, अमृत विचार: जिला अस्पताल में सबसे ज्यादा मरीज आते हैं, मगर 12 सालों से 16 रोग विशेषज्ञों के पद खाली हैं। इसके बाद भी बेहतर इलाज के दावे किए जा रहे हैं, जबकि गंभीर रोगियों का इलाज रेफर तक सीमित है। विभागीय अफसरों के रिक्त पदों पर तैनाती के प्रयास पत्राचार से आगे नहीं बढ़ पाए हैं।

आंकड़ों के अनुसार जिला अस्पताल में 35 विशेषज्ञ डॉक्टरों के पद स्वीकृत हैं, इनपर तैनाती महज 19 विशेषज्ञों की है। हृदय, गुर्दा, मूत्र, दंत , त्वचा आदि रोग विशेषज्ञ नहीं हैं। इसके अलावा फिजिशियन, आर्थो, सर्जन के भी कई पद रिक्त हैं। ऐसे में मरीजों को बेहतर इलाज नहीं मिल पा रहा है।

प्रशिक्षु डॉक्टर न हों तो भटकते रहें मरीज
भले ही स्थाई डॉक्टर ओपीडी में समय पर न मिलें, लेकिन जिला अस्पताल में निजी मेडिकल कॉलेज से प्रशिक्षण लेने आए प्रशिक्षु डॉक्टर मौजूद रहते हैं। वे ओपीडी और आईपीडी समेत अन्य विभागों में मरीजों को सेवाएं देते नजर आते हैं।

ट्रामा विंग का संचालन नहीं हो पाया
करीब डेढ़ वर्ष पहले जिला अस्पताल के रोड पार वाले भवन में ट्रामा विंग का निर्माण पूरा हो चुका है, लेकिन उपकरण और मानव संसाधन की तैनाती की प्रक्रिया अधर में लटकी हुई है। इसकी वजह से जिला अस्पताल आने वाले गंभीर मरीजों को हायर सेंटर रेफर किया जा रहा है।

मधुमेह, हाइपरटेंशन समेत कैंसर के रोगी बढ़ रहे
अनियमित दिनचर्या और असंतुलित खानपान के चलते लोग गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। मधुमेह, हाइपरटेंशन समेत कैंसर के रोगी तेजी से बढ़ रहे हैं। हर साल जिले में कैंसर के पांच हजार से अधिक नए रोगी सामने आ रहे हैं।

रिक्त पदों पर तैनाती के लिए शासन से मांगी गई जानकारी भेजी जा रही है। हालांकि डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए संविदा के माध्यम से डॉक्टरों को तैनाती दी जा रही है- डॉ. अलका शर्मा, एडीएसआईसी, जिला अस्पताल

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