Bareilly: बच्चों के दांत निकलने पर होती हैं कई तरह की दिक्कतें, परिजन करें ये उपाय

बरेली, अमृत विचार: शिशुओं के जीवन में दांत निकलना एक महत्वपूर्ण और स्वाभाविक प्रक्रिया है। यह न केवल उनके आहार और पोषण में बदलाव लाता है, बल्कि उनके संपूर्ण मुख विकास में भी सहायक होता है। इस दौरान शिशु को सही देखभाल और पोषण प्रदान करने से भविष्य में उनके स्थायी दांत भी मजबूत बने रहेंगे।
ये बातें सोमवार को बरेली इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के इंस्टिट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज की ओर से आयोजित ओरल हेल्थ माह के तहत कार्यक्रम में कॉलेज प्राचार्य डॉ. सत्यजीत नायक ने कहीं।
उन्होंने बताया कि दूध के दांत आमतौर पर बच्चे के जन्म के लगभग 6 महीने बाद उभरना शुरू होते हैं और लगभग तीन वर्ष की आयु तक सभी 20 दूध के दांत निकल आते हैं। हालांकि, कुछ बच्चों में यह प्रक्रिया पहले या बाद में भी हो सकती है। अगर शिशु में अत्यधिक बुखार, गंभीर दस्त या कोई अन्य असामान्य लक्षण दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
दांत निकलने पर होती हैं प्रक्रिया
- मसूड़ों में सूजन और लालिमा
- हल्का बुखार
- हर चीज को चबाने की इच्छा
- अत्यधिक लार आना
- चिड़चिड़ापन और रोना
- नींद में परेशानी
शिशु के दांत निकलने तो परिजन करें ये उपाय
- मसूड़ों की हल्की मालिश करने के लिए साफ उंगली या गीले कपड़े का उपयोग करें।
- शिशु को ठंडा चबाने योग्य खिलौना या चम्मच दें।
- ठंडे और नरम खाद्य पदार्थ (जैसे दही, सेब की प्यूरी) देने से आराम मिलता है।
- अधिक लार आने पर चेहरे को साफ रखें ताकि त्वचा में जलन न हो।
- यदि बच्चा बहुत असहज महसूस करे, तो डॉक्टर की सलाह से दर्द निवारक जेल या दवा का उपयोग करें।
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