लखीमपुर खीरी: गोला डिपो में निगम बसों की कम दूरी पर संचालन, यात्री हो रहे परेशान

लखीमपुर खीरी, अमृत विचार: गोला डिपो में अनुबंधित बस मालिकों को लाभ पहुंचाने का खेल हो रहा है। इसके लिए निगम के निर्देश ताक पर रखे जा रहे हैं। निर्देश है कि निगम की पुरानी बसों का संचालन रोजाना कम से कम 300 किलोमीटर होना चाहिए। मगर, गोला डिपो में ऐसी बसों को 242 किलोमीटर चलाकर ही खड़ा कर दिया जाता है, जबकि पुरानी अनुबंधित बसों को 354 किलोमीटर चलाया जा रहा है।
गोला डिपो में कुल 133 बसें हैं। इनमें 105 निगम की और 28 अनुबंधित। इनके अलावा 15 बसें कंडम होने के चलते वर्कशाप में खड़ी हैं। अधिकतर निगम की बसें लखनऊ, दिल्ली, कानपुर आदि तक सफर तय करती हैं। तो चार बसें बरेली तक वाया बंडा होकर जाती हैं, जबकि एक बस मुरादाबाद तक चलती है। ऐसे में बरेली जानी वाली बसें मात्र 242 किलोमीटर ही संचालित होकर खड़ी हो जाती हैं।
जबकि निगम से जारी निर्देशानुसार निगम की बसों का संचालन कम से कम 300 किलोमीटर प्रतिदिन होना चाहिए। वहीं पुरानी अनुबंधित बसों को 354 किलोमीटर चलाया जा रहा है। क्योंकि अनुबंधित बस मालिकों को प्रति किलोमीटर की दर किराया दिया जाता है। इस तरह से गोला डिपो में निगम की बसों को कम चलाकर रोडवेज की कमाई कम की जा रही है।
बसें रहतीं खड़ी और बेबस रहते मुसाफिर
गोला डिपो से सुबह सात, नौ, 10 एवं 11:30 और 12 बजे के करीब बसें बरेली जाती हैं। इनकी वापसी शाम से लेकर रात आठ बजे तक डिपो पर हो जाती है। जबकि दिन ढलने के बाद गोला डिपो से लखीमपुर के लिए बसें न होने से यात्री बेबस रहते हैं।
354 किलोमीटर की दूरी तय कर रहीं अनुबंधित बसें
निगम की बसों को पुरानी बताकर मात्र 242 किलोमीटर संचालित कराने वाले डिपो के जिम्मेदार पुरानी अनुबंधित बसों का 300 किलोमीटर से अधिक संचालन करवा रहे हैं। इनमें लखनऊ रूट की अनुबंधित बसें 354 और शाहजहांपुर रूट की बसें 342 किलोमीटर दौड़ रही हैं।
इन बसों पर सालों से चल रहे चहेते परिचालक
बंडा होकर बरेली जाने वाली बसों पर परिचालक सालों से चल रहे हैं। इन बसों पर नियमित चलने वाले परिचालकों के अवकाश लेने पर ही दूसरे को जाने का अवसर मिलता है। यह सारा खेल जिम्मेदारों की सांठगांठ से हो रहा है। विभागीय सूत्रों की मानें तो इस रूट पर ही नहीं, बल्कि अन्य रूटों पर भी परिचालक एक ही बस पर निरंतर चल रहे हैं।
निगम बसों का रोजाना कम से कम 300 किमी चलना अनिवार्य
बसों का संचालन उनकी उम्र के मुताबिक होता है। नई बसें 550 और पुरानी हो चुकी बसों का संचालन कम से 300 किलोमीटर प्रतिदिन होना चाहिए। बंडा बरेली जाने वाली बसें करीब 242 किलोमीटर चल रही हैं- महेश चंद्र कमल, एआरएम गोला डिपो
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