आवास बाजार में उथल-पुथल : बिक्री 23 फीसदी गिरी, सप्लाई में 34 फीसदी की कमी

नई दिल्ली। देश के आवास बाजार में गिरावट का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा और इसी कड़ी में वर्ष 2025 की पहली तिमाही (जनवरी-मार्च) में देश के शीर्ष नौ शहरों में आवास की बिक्री में 23 फीसदी और नई सप्लाई में 34 फीसदी की भारी कमी दर्ज की गई है।
रियल एस्टेट क्षेत्र की डेटा एवं एनालिटिक्स कंपनी प्रॉपइक्विटी की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल की पहली तिमाही में कुल एक लाख पांच हजार 791 आवासें बिकीं, जो पिछले साल की समान अवधि के एक लाख 36 हजार 702 इकाइयों से काफी कम है। बैंगलुरु और दिल्ली-एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) को छोड़कर बाकी सभी सात शहरों में बिक्री में गिरावट देखी गई। दूसरी ओर, नई हाउसिंग सप्लाई भी घटकर 80 हजार 774 इकाई पर आ गई जबकि पिछले साल यह आंकड़ा एक लाख 22 हजार 365 था। खास बात यह है कि लगातार तीन तिमाहियों से नई लॉन्चिंग एक लाख इकाई से नीचे बनी हुई है। बेंगलुरु को छोड़कर शेष आठ शहरों में सप्लाई में कमी आई है।
प्रॉपइक्विटी के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) समीर जसूजा ने इस गिरावट के पीछे के कारणों को स्पष्ट करते हुए कहा, “वर्ष 2021, 2022 और 2023 में रिकॉर्ड सप्लाई के बाद आवास बाजार में सुधार का दौर चल रहा है। बढ़ती संपत्ति कीमतों, भू-राजनीतिक अस्थिरता और भारतीय अर्थव्यवस्था की कुछ कमजोरियों ने निवेशकों को सतर्क कर दिया है, जिससे आवासों की बिक्री में कमी आई। फिर भी, मजबूत मांग बरकरार है, जैसा कि एब्जॉर्प्शन-टू-सप्लाई रेशियो से पता चलता है। 2025 की पहली तिमाही में यह रेशियो 131 फीसदी, 2024 की चौथी तिमाही में 132 फीसदी और तीसरी तिमाही में 127 फीसदी रहा।"
जसूजा ने आगे बताया, “हैदराबाद, पुणे और ठाणे जैसे पारंपरिक रूप से ज्यादा सप्लाई वाले शहरों में लगातार गिरावट देखी जा रही है। वर्ष 2022 और 2023 में ये टियर-1 शहर सप्लाई के मामले में अव्वल थे लेकिन वर्ष 2024 में इसमें कमी आई। इस तिमाही में इन शहरों की संयुक्त सप्लाई पिछले साल की तुलना में 28 हजार 227 इकाई कम रही। कुल लॉन्च में इनका हिस्सा भी 38 प्रतिशत से घटकर 29 प्रतिशत पर आ गया।”
बिक्री के मोर्चे पर बेंगलुरु ने 10 फीसदी की बढ़त हासिल की, जहां 18 हजार 508 इकाइयां बिकीं और कुल बिक्री में इसका योगदान 17 फीसदी रहा, जो पिछले साल 12 प्रतिशत था। दिल्ली-एनसीआर में भी 10 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 11 हजार 221 इकाइयां बिकीं, जिसका हिस्सा सात फीसदी से बढ़कर 11 फीसदी हो गया। हालांकि, हैदराबाद में सबसे ज्यादा 47 फीसदी की गिरावट आई। इसके बाद मुंबई (36 फीसदी), पुणे (33 फीसदी), कोलकाता (28 फीसदी), ठाणे (27 फीसदी), नवी मुंबई (सात फीसदी) और चेन्नई (दो फीसदी) का स्थान रहा।
सप्लाई में बैंगलुरु ने 17 फीसदी की उछाल दर्ज की, जहां 20 हजार 227 इकाइयां लॉन्च हुईं और कुल लॉन्च में इसका हिस्सा 14 फीसदी से बढ़कर 25 फीसदी हो गया। लेकिन, कोलकाता में 62 फीसदी की भारी गिरावट के साथ सबसे बुरा हाल रहा। मुंबई और ठाणे में 50-50 फीसदी, पुणे में 48 फीसदी, चेन्नई में 46 फीसदी, हैदराबाद में 38 फीसदी, नवी मुंबई में 24 फीसदी और दिल्ली-एनसीआर में 14 फीसदी की कमी देखी गई।
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