कासगंज ऑटो और ई-रिक्शा के लिए शहर में न रूट प्लान न ही स्टैंड, जगह-जगह जाम

कासगंज ऑटो और ई-रिक्शा के लिए शहर में न रूट प्लान न ही स्टैंड, जगह-जगह जाम

कासगंज, अमृत विचार: जिले में लगभग पाँच हजार ऑटो व ई-रिक्शा परिवहन विभाग में पंजीकृत हैं, लेकिन इन्हें संचालित करने के लिए न रूट प्लान बनाया गया है और न ही इनके लिए स्टैंड बनाए गए हैं। लिहाजा, मनमाने तरीके से ऑटो और ई-रिक्शा सड़कों पर फर्राटा भर रहे हैं।

नगर पालिका परिषद और यातायात विभाग के पास इन ई-रिक्शा और ऑटो का ठीक से डेटा तक नहीं है और न ही इनकी निगरानी की जा रही है। चालक कहीं से भी कहीं तक सवारी बैठा रहे हैं, जिससे यात्री के साथ कोई अनहोनी होने की दशा में ऑटो और ई-रिक्शा चालकों का पता लगाना मुश्किल होगा। साथ ही, बेतरतीब चल रहे ई-रिक्शाओं से शहर में जाम की स्थिति बनी रहती है।

शहर में डेढ़ हजार के करीब ई-रिक्शा और ऑटो संचालित हैं। ऑटो और ई-रिक्शा के लिए रूट निर्धारित नहीं हैं। यातायात विभाग स्टैंड बनाने के लिए नगर पालिका परिषद को जिम्मेदार ठहरा रहा है। यह सच भी है कि शहर में ई-रिक्शा संचालन के लिए नगर पालिका परिषद की भूमिका अहम रहती है, लेकिन इस ओर नगर पालिका परिषद के अधिकारी और चेयरमैन ध्यान नहीं दे रहे हैं। इससे अभी तक ऑटो और ई-रिक्शा के संचालन के लिए न तो रूट निर्धारित किया गया है और न ही स्टैंड का स्थान तय हुआ है।

इसका नतीजा यह है कि प्रमुख मार्गों, चौराहों, सार्वजनिक स्थलों, रोडवेज बस अड्डे और रेलवे स्टेशन के आसपास दर्जनों की संख्या में ऑटो खड़े रहते हैं। नगर पालिका परिषद ने इनका रूट चार्ट भी नहीं बनाया है, लिहाजा यातायात विभाग इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर पाता है। ऑटो और ई-रिक्शा के चालक अवैध तरीके से सड़कों पर जगह-जगह खड़े होकर सवारियां भरने लगते हैं, जिससे जाम की समस्या उत्पन्न होती है और लोग घंटों जाम में फंसे रहते हैं।

रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर ई-रिक्शा की भरमारशहर के रेलवे स्टेशन और रोडवेज बस स्टैंड के बाहर दर्जनों की संख्या में ऑटो और ई-रिक्शा खड़े रहते हैं, जो सवारियों की मजबूरी का फायदा उठाते हैं और मनमाना किराया वसूलते हैं। शुक्रवार की रात पैसेंजर ट्रेन करीब 11:30 बजे फर्रुखाबाद से कासगंज पहुंची। रात का समय होने के कारण आसपास के गांव की सवारियों से ई-रिक्शा चालकों ने मनमाने तरीके से 300 से 400 रुपये तक वसूलने लगे।

इस दौरान रेलवे स्टेशन पर कुछ यात्रियों ने कुछ घंटे बिताने चाहे, तो जीआरपी के सिपाहियों ने उन्हें खदेड़कर भगा दिया। इसी तरह, रोडवेज बस स्टैंड पर रात करीब 12:30 बजे भी ई-रिक्शा चालकों की भीड़ लगी हुई थी। दिल्ली से बस आते ही रिक्शा चालक सवारियों की ओर बढ़ते नजर आए। आधी रात का समय होने के कारण वे मनमाना किराया वसूलने लगे। रात में सुरक्षा के नाम पर रोडवेज पुलिस चौकी का गेट भी बंद था, जिस पर एक गार्ड तक नहीं था।

शहर में ई-रिक्शा और ऑटो के लिए रूट प्लान और स्टैंड निर्धारित करना नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष और ईओ द्वारा किया जाना है। इसके लिए कई बार ईओ से बात भी की जा चुकी है। रूट प्लान और बस स्टैंड निर्धारित नहीं किए जाने से शहर में जाम की समस्या बनी रहती है- आंचल चौहान, सीओ यातायात।

ऑटो और ई-रिक्शा के लिए रूट प्लान और स्टैंड निर्धारण के लिए काम किया जा रहा है। स्थलों को चिन्हित किया जा रहा है। जल्द ही रूट प्लान और स्टैंड का स्थान तय कर लिया जाएगा- पूजा श्रीवास्तव, ईओ कासगंज।

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