पहाड़ो की गोद में बसा मंदिर! जहां चढ़ता है स्नैक्स, अनोखा है इसका इतिहास
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अमृत विचार। भारत एक ऐसा देश है जहां संस्कृति और मान्यताओं का महत्व है। जहां आस्था और परंपरा का बेमिसाल जोड़ देखने को मिलता है। और भगवान के प्रति लोगों की आस्था देखते ही बनती है। हम ये भी जानते है कि भगवान को लोग अपनी श्रद्धानुसार चढ़ावा चढ़ाते है। कुछ लोग मिठाई चढ़ाते है तो कुछ अन्य तरह के भोजन का भोग लगाते है।कुछ हिन्दू मंदिर ऐसे भी है जहां पर फल, दूध, दही या मिठाई का भोग के साथ स्नैक्स यानी चिप्स, बिस्किट या नमकीन को भी चढ़ाते है।
पहाड़ो की गोद में बसा अनोखा मंदिर
भारत का गुहावटी जहां के कामाख्या देवी मंदिर में माता को प्रसाद के रूप में चिप्स, बिस्कुट और नमकीन चढाने की परंपरा है। ये मंदिर नीलांचल पहाड़ी पर 51 शक्तिपीठों में से एक स्थापित है। कामयख्या मंदिर प्राचीन और एक समृद्ध मंदिरो में से एक है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 8वीं से 9वीं शताब्दी को हुआ था वहीं इसका पुनरीकरण 17वीं शताब्दी के बीच अहोम राजा नर नारायण ने कराया था। क्योकि इस मंदिर को मुस्लिम शासको द्वारा तोड़ दिया गया था।
नहीं है कोई धार्मिक प्रमाण
ऐसी मान्यता थी कि यहां पर तंत्र पूजा और साधना की जाती थी। हर वर्ष यहां अंबुबाची मेला आयोजित किया जाता था। जो की देवी के मासिक धर्म का एक प्रतिक है। लेकिन देवी को प्रसाद के रूप में चिप्स, बिस्किट और नमकीन चढाने की परंपरा की कोई विशेष जानकारी नहीं है। दूसरे मंदिरो में आमतौर पर फल, मिठाई और अन्य पारंपरिक खाने-पीने की चीजे प्रसाद के रूप में चढ़ाई जाती है। कामाख्या मंदिर में स्नैक्स चढाने की परंपरा का कोई भी धार्मिक प्रमाण नहीं है।
आस्था पर नहीं है कोई बंधन
हलाकि, मंदिर की अपनी मान्यतायें और एतिहासिक महत्व है। इनकी अनोखी परंपरा ही इसे खास बनाती है। प्रसाद के रूप में स्नैक्स का चढ़ावा इस बात का प्रारूप है कि आस्था और भक्ति के मार्ग पर कोई भी बंधन नहीं है। भक्त चाहे तो अपनी श्रद्धा से अपना भाव प्रकट कर सकता है। उस पर किसी प्रकार का कोई बंधन नहीं होगा।
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