Kannauj: नवाब और नीलू से मिल रहे अधिक लोग, जेल अधीक्षक की भूमिका संदिग्ध, जानिए पूरा मामला
दोनों आरोपियों को अलग जेल में शिफ्ट करने की सिफारिश

कन्नौज, अमृत विचार। पॉक्सो एक्ट व गैंगस्टर के मामले में जेल में बंद नवाब सिंह व नीलू यादव से तय संख्या से अधिक लोगों की मिलाई कराने में जेल अधीक्षक की भूमिका संदिग्ध मिली है।
सीओ सदर की जांच में खुलासा हुआ कि तीन के नियम के विपरीत 30-40 लोगों तक की मिलाई कराई जा रही है। जेल के बाहर एक वकील से मारपीट होने के बाद एसपी ने सीओ सदर से जांच कराई थी।
पिछले दिनों अधिवक्ता अरविंद सिंह चौहान से जेल के बाहर मारपीट की गई थी। इस पर उन्होंने जेल अधीक्षक की शिकायत की तो एसपी विनोद कुमार के आदेश से सीओ सदर कमलेश कुमार ने जांच की। जांच के बाद उन्होंने प्रेस को बताया कि जेल अधीक्षक की भूमिका संदिग्ध है। जेल में बंद दोनों भाइयों से मिलाई कराने में जेल अधीक्षक समेत पर्ची बनाने वाला ठेकेदार राजेश यादव व कई अन्य लोग शामिल हैं। जांच के दौरान मिलाई रजिस्टर, पर्ची व जिन बंदियों के नाम की पर्ची बनी उनसे भी जानकारी ली।
इसमें पाया कि पर्ची तो दोनों भाइयों के नाम से कम बनीं लेकिन मिलाई रोज 35-40 लोगों की कराई जाती थी। सीसीटीवी फुटेज से भी इसकी पुष्टि हुई। 8 मार्च को जेल में लगे सीसीटीवी फुटेज देखे गये तो साफ दिखाई दिया कि नवाब व नीलू से मिलने 35-40 लोग पहुंचे हैं। यह वही लोग हैं जिन्होंने नीलू के बीमार होने पर मेडिकल कॉलेज में पुलिस से अभद्रता की थी। फुटेज में कुछ लोग अन्य भी दिखाई दे रहे हैं उनकी पहचान की जा रही है।
कहा कि जांच में पाया गया कि दोनों से तीन-तीन लोगों के मिलने की अनुमति के बाद भी जेल अधीक्षक व पर्ची ठेकेदार की मिलीभगत से ज्यादा की मिलाई गैरकानूनी तरीके से कराई गई। मामले को लेकर उच्चस्तरीय जांच की संस्तुति करते हुए रिपोर्ट एसपी को सौंपी गई है। इसके साथ ही दोनों भाइयों को अलग-अलग जेल में भेजने की सिफारिश भी की है।