Good News: उत्तर रेलवे करायेगा "लखनऊ ऑर्बिटल रेलवे कॉरिडोर" का निर्माण, सर्वे की मिली स्वीकृति
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लखनऊ, अमृत विचार : रेल परिचालन को एक नई दिशा प्रदान करने के उद्देश्य से उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल ने लखनऊ ऑर्बिटल रेलवे कॉरिडोर का निर्माण करायेगा। डीआरएम एसएम शर्मा और वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक रजनीश श्रीवास्तव के नेतृत्व में इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना के प्रस्ताव का मुख्य उद्देश्य लखनऊ क्षेत्र में रेल यातायात की भीड़-भाड़ को कम करना और सुचारू रूप से रेल संचालन सुनिश्चित करना है।
कुल 170 किमी. के दोहरीकृत रेलमार्ग के इस ऑर्बिटल रेल कॉरीडोर का निर्माण कार्य लखनऊ-कानपुर सेक्शन, लखनऊ- शाहजहांपुर-मुरादाबाद सेक्शन, ऐशबाग- डालीगंज-सीतापुर सिटी, लखनऊ-बाराबंकी-गोंडा सेक्शन, लखनऊ-बाराबंकी-अयोध्या सेक्शन, लखनऊ-सुल्तानपुर-वाराणसी सेक्शन, लखनऊ-रायबरेली-वाराणसी सेक्शन की रेल परिसीमाओं के तहत किया जाएगा। ऑर्बिटल रेलवे कॉरिडोर परियोजना को लेकर एक महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के सर्वेक्षण की स्वीकृति प्राप्त हो गई है, सर्वे के उपरांत योजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जाएगी।
लखनऊ क्षेत्र में वर्तमान में सात मुख्य रेल मार्ग हैं, जिनके माध्यम से सभी यात्री एवं मालगाड़ी ट्रेनें संचालित होती हैं। इन मार्गों पर भारी भीड़भाड़ के कारण रेल यातायात बाधित हो रहा है। यह क्षेत्र उत्तर रेलवे, उत्तर-पूर्व रेलवे, और पूर्व-मध्य रेलवे के लिए प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है, जिससे यहां रेल यातायात का दबाव अत्यधिक बढ़ जाता है। वर्तमान में लखनऊ के अयोध्या, वाराणसी, कानपुर, मुरादाबाद, सीतापुर, रायबरेली, और सुल्तानपुर की ओर जाने वाले मार्गों पर अत्यधिक ट्रेनों का संचालन होता है। लखनऊ, ऐशबाग स्टेशनों पर लगभग 90% मालगाड़ियां और 70-80% यात्री गाड़ियां गुजरती हैं।
लखनऊ ऑर्बिटल रेलवे कॉरिडोर परियोजना ये होगा लाभ -
•लखनऊ के चारों ओर एक 170 किमी लंबा रेलवे कॉरिडोर बनाया जाएगा।
•सभी सात प्रमुख मार्गों को इस ऑर्बिटल कॉरिडोर से जोड़ा जाएगा।
•यह कॉरिडोर "वाई" कनेक्शन के माध्यम से जुड़ा होगा और रेल-ऑन-रेल पुलों (आरओआर) के जरिए प्रमुख मार्गों के ऊपर से गुजरेगा।
• एक नया "ग्रीनफील्ड मेगा पैसेंजर टर्मिनल" विकसित किया जाएगा, जिसमें 30 से अधिक लाइनें और 20 प्लेटफार्म होंगे।
•एक मेगा रेल लॉजिस्टिक्स पार्क का निर्माण आगरा एक्सप्रेसवे के निकट किया जाएगा।
•परियोजना के तहत मालगाड़ियों का संचालन सुगम होगा, जिससे व्यापार एवं औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
• ट्रेनों के परिचालन में विलंब को कम करके प्रतिगाड़ी लगभग 1 घंटे का समय बचाया जाएगा।
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