ब्रिटेन और अमेरिका में टीबी के बढ़ते मामले क्यों है सभी के लिए चिंता का विषय?

लिवरपूल (ब्रिटेन)। अमेरिकी इतिहास में सबसे लंबे समय तक तपेदिक (टीबी) का प्रकोप बने रहना कंसास के लिए सुपर बाउल (रग्बी खेल टूर्नामेंट) में मिली हार से ज्यादा चिंता का विषय है। पिछले वर्ष के दौरान टीबी के 67 मामले सामने आये। कोविड महामारी की शुरुआत के बाद से अमेरिका में टीबी की बढ़ती दर के बाद इतनी संख्या में यह मामले सामने आए। विक्टोरियन युग को छोड़कर, टीबी दुनिया की सबसे स्थायी महामारी है, जिस कारण हर वर्ष किसी भी अन्य संक्रमण की तुलना में अधिक लोगों की मौत होती है। कम आय वाले देशों, वंचित समुदायों, शहरों, जेलों, बेघर आबादी, अश्वेत, एशियाई और आदिवासी लोगों में टीबी के मामले आमतौर पर सामने आते हैं, इसके बावजूद अमेरिका और ब्रिटेन जैसे अमीर देश भी इससे अछूते नहीं हैं।
अमीर देशों में टीबी का प्रकोप कोयले की खान में हीरे की तरह होता है, जो राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियों में मौजूद दरार को दर्शाता है। व्यापक रूप से किसी भी क्षेत्र में टीबी का प्रकोप वैश्विक स्तर पर टीबी को खत्म करने के जारी संघर्ष को धीमा करता है। टीबी हवा के जरिये फैलने वाला संक्रमण है। जलवायु परिवर्तन और युद्ध के कारण यह कहावत ‘कहीं भी टीबी, हर जगह टीबी’ आज भी प्रासंगिक हो रही है। ब्रिटेन में 2011 और 2020 के बीच टीबी की दर में लगातार गिरावट आई लेकिन अमेरिका की ही तरह 2020 की शुरुआत में कोविड-19 वैश्विक महामारी के फैलने के बाद से बढ़ना शुरू हो गई।
इंग्लैंड में वर्ष 2023 में टीबी की चपेट में आने वाले लोगों की संख्या 2022 की तुलना में 13 प्रतिशत बढ़ गयी। प्रति वर्ष एक लाख लोगों में 9.5 लोगों के टीबी का शिकार होने की दर इंग्लैंड के लिए चिंता का विषय है क्योंकि यह ‘कम टीबी दर’ यानि प्रति वर्ष एक लाख लोगों में 10 लोगों के टीबी का शिकार होने की दर से नीचे चली गयी है, जो खतरे की घंटी है। ब्रिटेन में जीवन यापन को लेकर संकट बरकरार है। बहुत से लोग, विशेष रूप से सबसे गरीब लोग भोजन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। टीबी, गरीब देशों में होने वाली एक बीमारी है, जो भीड़भाड़, कुपोषण और रहने के लिए खराब हालात जैसी जगहों पर पनपती है। लेकिन ब्रिटेन में टीबी के मामलों में वृद्धि को केवल बीमारी के बढ़ते जोखिम के कारण नहीं माना जा सकता।
टीबी की रोकथाम और उपचार के लिए स्वास्थ्य और सामाजिक देखभाल प्रणाली भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। वर्तमान में टीबी का एकमात्र टीका ‘बीसीजी वैक्सीन’ बीमारी की रोकथाम में उतनी प्रभावी नहीं है जितनी हम उम्मीद करते हैं। कई टीकों के बनने की वजह से आशा की किरण दिखाई देती है लेकिन गलत जानकारी जुटाकर बनाये गये टीके उनके प्रभाव को बाधित कर सकते हैं। टीबी के प्रकोप को रोकने में आ रही अन्य बाधाओं में टीबी को लेकर जागरूकता की कमी, टीबी से संबंधित गलत जानकारी का प्रसार जारी रहना, टीबी रोगियों की देखभाल में शामिल नर्सिंग कर्मियों की संख्या में कमी और टीबी के प्रति संवेदनशील लोगों की सहायता के लिए स्वास्थ्य और सामाजिक देखभाल क्षेत्रों के बीच खाई शामिल है।
इंग्लैंड में टीबी से पीड़ित पांच में से चार लोग ब्रिटेन से बाहर पैदा हुए थे। प्रवासी लोगों द्वारा वीजा आवेदन प्रक्रिया के भाग के रूप में प्रवेश देने से पहले जांच करना टीबी से पीड़ित लोगों की पहचान करने में प्रभावी है। हालांकि रोकथाम इलाज से बेहतर है और टीबी संक्रमण या बिना लक्षण वाले टीबी रोगियों की जांच में अब भी अंतर है। निवारक टीबी उपचार प्रदान करने से भविष्य में टीबी रोग का जोखिम 85 प्रतिशत तक कम हो सकता है लेकिन ब्रिटेन में कम संसाधन वाला जांच कार्यक्रम है क्योकि 2023 में केवल 11.5 प्रतिशत पात्र प्रवासियों की टीबी संक्रमण की जांच की गई है।
टीबी का शीघ्र निदान और उपचार दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं या यहां तक कि मौत से बचाव में महत्वपूर्ण है। अगर कोई व्यक्ति शुरू में ही प्रभावी उपचार शुरू करता है, उसे उतनी ही जल्दी संक्रमण से उबरने और टीबी के प्रसार को कम करने में मदद मिलती है। निदान और देखभाल तक पहुंच में सुधार से टीबी का संक्रमण कम होगा। ब्रिटेन में टीबी से पीड़ित लगभग एक तिहाई लोग लक्षण (आमतौर पर खांसी, बुखार, रात में पसीना आना और वजन कम होना) दिखाई देने और पहली बार दवा लेने के बीच चार महीने की देरी करते हैं। यह चलन पेरू, नेपाल और मोजाम्बिक सहित, जहां टीबी के ज्यादातर मामले हैं तथा मध्यम आय वाले देशों में अधिक है।
टीबी की रोकथाम और देखभाल प्रभावी ढंग से संभव है। हालांकि निदान और उपचार में हाल ही में हुई प्रगति के बावजूद वर्तमान उपाय अपूर्ण हैं। हालांकि दुनिया भर के शोधकर्ता टीबी के खिलाफ लड़ाई में विज्ञान और नवाचार को आगे बढ़ा रहे हैं। इसमें पोषण संबंधी पूरकता, वित्तीय और सामाजिक सहायता और टीबी के लिए एक नया टीका बनाने का वादा शामिल है। टीबी से पीड़ित हर व्यक्ति को समय पर सहायता प्रदान करना इस बीमारी के प्रति हमारी प्रतिक्रिया का मूल आधार है। टीबी को खत्म करने के लिए फिर चाहे वह अमेरिका में हो, ब्रिटेन में हो या वैश्विक स्तर पर, हमें पुरानी चिकित्सा कहावत को याद रखना और लागू करना चाहिए ‘व्यक्ति का इलाज करें, बीमारी का नहीं'।
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