बलरामपुर: 58 लाख के गबन में ग्राम प्रधान सहित चार के खिलाफ मुकदमा दर्ज 

बलरामपुर: 58 लाख के गबन में ग्राम प्रधान सहित चार के खिलाफ मुकदमा दर्ज 
विशुनपुर टनटनवा गांव में स्थित तालाब जिसके सौंदर्यीकरण के नाम पर किया गया लाखों का गबन

पचपेड़वा/बलरामपुर, अमृत विचार। मनेरगा के तहत तालाब सुंदरीकरण और गहरा करने के नाम पर पचपेड़वा विकास खंड के विशुनपुर टनटनवा में 58 लाख 34 हजार 466 रुपये का गबन किया गया है। जांच में पोल खुलने पर खंड विकास अधिकारी मोहित दुबे ने ग्राम प्रधान अब्दुल बहाव, ग्राम रोजगार सेवक जुबेर खान, ग्राम पंचायत सचिव गिरिजा शंकर व अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी (मनरेगा) अतुल कुमार मिश्र के विरुद्ध थाना पचपेड़वा में धोखाधड़ी और गबन का मुकदमा दर्ज करवाया है। 

ग्राम पंचायत के जिन तालाबों को संवारने व निर्माण के नाम पर सरकारी धन का बंदरबांट किया गया, उनमें सालभर से पानी भरा है। ऐसे में फर्जी एवं कूटरचित अभिलेख तैयार कर मजदूरों की फर्जी उपस्थिति दर्ज कराने का मामला भी सामने आया है। साथ ही बिना कार्य के मापी कराए ही भुगतान ले लिया गया।

मनरेगा के अंतर्गत तीन तालाबों पर सुंदरीकरण कार्य कराया गया। इसमें अय्यूब के खेत के पास व नहर के निकट तालाब निर्माण के नाम से मनरेगा से 58,34,466 रुपये का खर्चा दिखाकर सरकारी धन का दुरुपयोग करने की शिकायत मिली थी कि जिन तालाबों को संवारना दिखाया गया, उनमें सालभर से पानी भरा हुआ है, कोई निर्माण कार्य या सुंदरीकरण नहीं कराया गया है। 

शिकायत की जिलाधिकारी पवन अग्रवाल ने परियोजना निदेशक, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण एवं सहायक अभियंता, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण से जांच कराई। टीम ने जांच में पाया कि निरीक्षण के समय तालाब में पानी भरा हुआ है, जिसकी गहराई दो से लेकर तीन मीटर तक है, अतः तालाबों में कराए गए कार्य का मूल्यांकन करना संभव नहीं है। 

जांच आख्या में अय्यूब के खेत के पास तालाब निर्माण, नहर के निकट तालाब व गांव के पश्चिम तालाब सुंदरीकरण कार्य पर जो भुगतान नवंबर 2024 के पश्चात किया गया है, वह अनियमित है। क्योंकि उस अवधि में इन सभी तालाबों में पानी भरा होने के कारण मनरेगा योजना के तहत खुदाई संभव नहीं है।

इस प्रकार शिकायतकर्ता के आरोप कि तालाब में पानी भरा है, कोई निर्माण या सुंदरीकरण नहीं कराया गया है, सही है। नवंबर 2024, दिसंबर 2024 एवं जनवरी 2025 में इन तालाबों में मस्टररोल जारी कर कुल 22 लाख 69 हजार का भुगतान प्रस्तावित कर एफटीओ जारी किया गया। 

इन परियोजनाओं पर कुल भुगतान 38 लाख 49 हजार किया जा चुका है। यह भुगतान अनियमित एवं कूटरचित अभिलेखों, गलत मापन, मजदूरों की गलत उपस्थिति के आधार पर किया गया है। इससे शासकीय धनराशि के दुरुपयोग की पुष्टि होती है। इस प्रकार मनरेगा के इन कामों में गैर कानूनी एवं मनरेगा योजना के नियमों के विपरीत कार्य किया गया है।

गबन का मुकदमा दर्ज होने पर ग्राम प्रधान सहित उनके समर्थकों में हड़कंप मच गया है। सूत्रों से पता चला है कि मामले की विवेचना में कई और बड़े कुलसी होंगे और इन खुलासों में ग्राम प्रधान के नजदीकियों के फंसाने की प्रबल संभावना है।

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