पीलीभीत: बजट के सापेक्ष खर्च नहीं कर सके धनराशि, पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड के ईई घिरे...स्पष्टीकरण तलब

पीलीभीत: बजट के सापेक्ष खर्च नहीं कर सके धनराशि, पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड के ईई घिरे...स्पष्टीकरण तलब

पीलीभीत, अमृत विचार। सरकार द्वारा जारी बजट के सापेक्ष धनराशि खर्च न करने पर लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता घिर गए। प्रमुख अभियंता ने लापरवाही पर अधिशासी अभियंता का स्पष्टीकरण तलब किया है। मुख्य अभियंता के माध्यम से तीन दिन के भीतर जवाब दाखिल न करने पर उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक नियमावली के अंतर्गत कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

जनपद का लोक निर्माण विभाग अपनी कार्यशैली को लेकर हमेशा से ही सुर्खियों में रहा है। लगभग पूरा साल ही कभी ब्लैक लिस्टेड ठेकेदारों को टेंडर देने, कभी ई-टेंडरों की ईएमडी में घपलेबाजी तो कभी बाढ़ के दौरान हुई क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत ब्लैक लिस्टेड ठेकेदारों से कराने और जिम्मेदारों द्वारा इन कारनामा करने वालों को बचाने में बीता। जिम्मेदार यह भूल ही गए कि जनपद के विकास के लिए उन्हें सरकार ने भारी भरकम बजट भी दिया गया है। इधर अब शासन स्तर पर हुई समीक्षा के दौरान खुलासा हुआ है। ऐसा भी नहीं कि शासन स्तर से बजट के खर्च से संबंधित दिशा निर्देश नहीं दिए गए, मगर जिम्मेदारों ने मुख्यालय के आदेशों को हवा में उड़ा दिया। मामला लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड से जुड़ा है। दरअसल शासन स्तर से इस वित्तीय वर्ष लोक निर्माण प्रांतीय खंड को 23428.91 लाख रुपये आवंटित किए गए थे, मगर विभागीय अफसर जारी बजट के सापेक्ष महज 12487. 83 लाख रुपये ही खर्च कर सके। मुख्यालय द्वारा निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष महज 53 फीसदी बजट खर्च किए जाने पर शासन स्तर पर खासी नाराजगी जताई गई है। इस लापरवाही पर प्रमुख अभियंता (विभाग) मुकेश चंद्र शर्मा ने लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता राजेश चौधरी का स्पष्टीकरण तलब किया है।

जारी स्पष्टीकरण में कहा गया कि बजट के सापेक्ष इतना कम बजट व्यय किया जाना शिथिल नियंत्रण के साथ कार्यों के प्रति लापरवाही एवं उदासीनता को प्रदर्शित करता है। उन्होंने तीन दिन के अंदर कार्यों की प्रगति बढ़ाते हुए लक्ष्य के अनुरूप आवंटित धनराशि को खर्च करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही मुख्य अभियंता के माध्यम से तीन दिन के भीतर जवाब दाखिल न करने पर उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक नियमावली के अंतर्गत कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है। इधर शासन स्तर से स्पष्टीकरण तलब होने के बाद महकमे में खलबली मची हुई है। जिम्मेदार आनन फानन में काम करने में जुट गए हैं, ताकि लक्ष्य के सापेक्ष आवंटित धनराशि को खर्च किया जा सके।

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