नेशनल चैंपियन मंजू वर्मा ने इलाज के दौरान तोड़ा दम, दस दिन से कानपुर के इस अस्पताल में थीं भर्ती

कानपुर, अमृत विचार। घर से अलग होकर महिला छात्रावास में सालों से रहकर गुजर-बसर कर रहीं योगा में नेशनल चैंपियन रहीं मंजू वर्मा हीटर की चपेट में आने से जल गईं। इस दौरान स्टाफ की सूचना पर पहुंचे भाई और अन्य रिश्तेदारों ने उन्हें उर्सला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां दस दिन बाद इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
सिविल लाइंस में स्थित महिला छात्रावास में रहने वाली 68 वर्षीय मंजू वर्मा वर्षों पहले 80 फीट पर रहती थीं। उनके भाई अरुण वर्मा ने बताया कि वह योगा में नेशनल चैंपियन रहीं। संस्कृत में डबल एमए किया और हिंदी में पीएचडी कर रखी थी। एल्गिन मिल में ऑफिस ग्रेड पर थीं। बताया कि वर्ष 1985 से वह महिला छात्रावास में कमरा लेकर रहती थीं। दस दिन पहले वह हीटर के पास बैठी थीं, इसी दौरान गाउन हीटर में छू गया और वह कमर के हिस्से तक जल गईं। उनके शोर मचाने पर छात्रावास के लोग आए और पुलिस को सूचना दी। कोतवाली इंस्पेक्टर जगदीश पांडेय के अनुसार सूचना पर पुलिस ने उन्हें उर्सला अस्पताल में भर्ती करा दिया था। उपचार के दौरान उनकी बुधवार रात मौत हो गई। परिजनों ने किसी प्रकार का कोई आरोप नहीं लगाया है। मृतक मंजू की रतनलाल नगर निवासी भतीजी शिल्पी ग्रोवर के अनुसार कई बार उन्हें घर चलकर रहने के लिए कहा गया, लेकिन वह कभी भी तैयार नहीं हुईं। उन लोगों के अलावा परिवार में कोई नहीं है।
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