20-25 किमी. का ड्रोन टेस्टिंग कॉरिडोर बनेगा; Kanpur बनेगा IT हब और ड्रोन एवं रोबोटिक्स का केंद्र, विशेषज्ञ प्रोफेसर बना रहे DPR

कानपुर, अमृत विचार। आईआईटी कानपुर के हेलीकॉप्टर लैब के कॉन्फ्रेंस रूम में मंगलवार को प्रेजेंटेशन हुआ। जिसमें कानपुर को आईटी हब के रूप में विकसित करने के संबंध में विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने पर चर्चा की गई। इस डीपीआर को आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञ प्रोफेसरों द्वारा तैयार किया जा रहा है।
प्रेजेंटेशन के दौरान कानपुर में ड्रोन तकनीक को बढ़ावा देने के लिए 20-25 किमी. का ड्रोन टेस्टिंग कॉरिडोर विकसित करने को प्राथमिकता दी गई। प्रेजेंटेशन में एयरोस्पेस विभाग के प्रोफेसर अभिषेक, इलेक्ट्रिकल विभाग के प्रोफेसर अंकुश शर्मा, सौम्या रंजन साहू और विपुल अरोड़ा, कंप्यूटर साइंस विभाग के प्रोफेसर अमेय करकरे और कार्यक्रम संयोजक और संस्थान के एल्युमिनी वीरेन्द्र तिवारी की विशेष भूमिका रही।
यह सुझाव दिया गया कि सरकारी नीति बनाकर उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से उन कंपनियों को वापस बुलाया जाए, जो पहले कानपुर में कार्यरत थीं लेकिन बेंगलुरु और दिल्ली जैसी जगहों पर स्थानांतरित हो गईं। भाजपा क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल ने सुझाव दिया कि गंगा नदी के किनारे-किनारे ड्रोन टेस्टिंग कॉरिडोर बनाया जाए, जिससे इस क्षेत्र में नई संभावनाएं विकसित हों।
इस महत्वपूर्ण सुझाव को डीपीआर में सम्मिलित करने पर सहमति बनी। कहा गया कि यह प्रेजेंटेशन कानपुर को आधुनिक तकनीकों के केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर अंकुश शर्मा ने संस्थान के सभी फैकल्टी सदस्यों की ओर से क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल के प्रयासों के लिए धन्यवाद पत्र सौंपा।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि उत्तर प्रदेश सरकार के सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री सुनील शर्मा से 11 या 12 मार्च और होली के बाद एक उच्च स्तरीय बैठक की जाएगी। प्रकाश पाल ने कहा कि सरकार द्वारा कानपुर को ड्रोन और रोबोटिक्स हब के रूप में विकसित करने की दिशा में ठोस कार्यवाही करेंगे। प्रेजेंटेशन में ड्रोन ऑफ इंडिया की उपाधि पाए मिलिंद पाल, उत्तर जिला अध्यक्ष दीपू पांडे, शिवराम सिंह, पूनम द्विवेदी, कार्यक्रम संयोजक वीरेन्द्र तिवारी, आनंद मिश्रा समेत अन्य गण्यमान्य लोग उपस्थित रहे।