Gonda News: घनी आबादी से चमड़ा फैक्ट्री को हटाने की मांग, ग्रामीणों ने बुलंद की आवाज

Gonda, Amrit Vichar : क्षेत्र के ग्राम लालेमऊ के पास आबादी के बीच खुली चमड़ा फैक्ट्री से निकलने वाली दुर्गंध से ग्रामीणों का जीना मुहाल हो गया है। फैक्ट्री को गांव से हटाने के लिए रविवार की सुबह ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मामले को शांत कराया। एसडीएम ने राजस्व टीम को मौके पर भेजकर रिपोर्ट मांगी है।
कटरा बाजार के गद्दोपुर निवासी गोरखनाथ गौतम ने लालेमऊ गांव में चमड़े की फैक्ट्री स्थापित की है। वहां मोहनलाल गौतम आदि रहते हैं। चमड़ा फैक्ट्री गांव के मध्य होने के कारण वहां पर रहने वाले लोगों का गंध व गंदगी से जीवन जीना मुश्किल हो गया है। संक्रामक बीमारियों का भी खतरा मंडरा रहा है। लोगों का आरोप है कि दूरदराज से मृत जानवरों के शरीर को यहां वाहनों से लादकर लाया जाता है फिर यहां चमड़े को हड्डी से अलग कर चमड़े में नमक लगाकर बिक्री के लिए बाहर भेजा जाता है। साथ ही हड्डी के ढेर की भी बिक्री की जाती है। मगर इससे निकलने वाली दुर्गंध बर्दाश्त से बाहर है।
रविवार सुबह सैकड़ो की संख्या में जिला पंचायत सदस्य विवेक सिंह व पूर्व ग्रामीण मंडल अध्यक्ष देवेंद्र दीक्षित की अगुवाई में फैक्ट्री को हटाने को लेकर ग्रामीण उग्र होकर इकट्ठा हो गए और विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस के पहुंचने के बाद समझाने के बाद ग्रामीण शांत हुए। लालेमऊ निवासी सूरज सिंह, राहुल सिंह, मोनू सिंह, शुभम सिंह, बच्छराज मिश्र, राहुल दीक्षित, सूर्यलाल महतो, जगदीश, राजेश दूबे आदि लोगों ने समाधान दिवस में शिकायत करते हुए फैक्ट्री को गांव से दूर कराने की मांग की है। वहीं, फैक्टी संचालक गोरखनाथ गौतम का कहना है कि उसकी फैक्ट्री आबादी से दूर है। लोगों को परेशानी न हो इसलिए मृत जानवरों को रात अंधेरे में लाया जाता है। फैक्ट्री से दुर्गंध तो निकलती ही है लेकिन जहां लोग रहते है वहां तक गंध नही जाती है।
उपजिलाधिकारी भारत भार्गव का कहना है कि जांच के लिए राजस्व टीम को लगाया गया है। जांच रिपोर्ट आने पर कार्रवाई की जाएगी।
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