प. बंगाल विधानसभा के बजट सत्र से नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी समेत भाजपा के चार विधायक निलंबित, जानें पूरा मामला

कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तीन अन्य विधायकों को सदन में कथित तौर पर अशोभनीय व्यवहार करने पर सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष ने बजट सत्र से निलंबित कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने अधिकारी के अलावा अग्निमित्र पाल, बंकिम घोष और विश्वनाथ कर्क को पश्चिम बंगाल विधानसभा में इस सत्र के अंत तक या 30 दिन के लिए (जो भी पहले हो) निलंबित कर दिया।
भाजपा के नेता सदन के आसन के निकट आ गए थे और सदन की कार्यवाही से जुड़े कागजों को फाड़ कर फेंक दिया था जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है। पाल द्वारा लाए गए स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा कराने से विधानसभा अध्यक्ष द्वारा इनकार किए जाने के बाद अधिकारी के नेतृत्व में भाजपा सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के निकट आ गए। इसके बाद भाजपा विधायकों ने सदन से बर्हिगमन किया।
इस माह की शुरुआत में सरस्वती पूजा के आयोजन को लेकर राज्य में कुछ स्थानों पर कथित रूप से धमकी दिए जाने के मामले को उठाते हुए भाजपा द्वारा स्थगन प्रस्ताव लाया गया। बाद में पाल ने विधानसभा के बाहर संवाददाताओं से कहा कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर कोलकाता के एक विधि कॉलेज सहित राज्य में कुछ स्थानों पर पुलिस सुरक्षा के साथ सरस्वती पूजा आयोजित की गई।
पाल ने कहा कि उनके और पार्टी के कुछ अन्य विधायकों द्वारा लाए गए स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा कराने से अध्यक्ष द्वारा इनकार किए जाने के विरोध में भाजपा विधायकों ने बर्हिगमन किया था। अध्यक्ष ने सदन में चर्चा की अनुमति न देते हुए भाजपा के एक विधायक को प्रस्ताव पढ़ने की अनुमति दी।
पाल द्वारा सदन में प्रस्ताव पढ़ने के बाद, भाजपा विधायकों ने नारे लगाना और तख्तियां लेकर विरोध करना शुरू कर दिया। उनका आरोप था कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस चुनावी लाभ के लिए तुष्टीकरण कर रही है। तृणमूल कांग्रेस के मुख्य सचेतक निर्मल घोष ने सदन में एक प्रस्ताव पेश किया, जिसमें दावा किया गया कि भाजपा विधायकों द्वारा किया गया विरोध-प्रदर्शन विधायी संस्कृति के खिलाफ है और उन पर कार्रवाई की मांग की।