पीलीभीत: वन्यजीव की आसपास हुई मौजूदगी तो बज उठेगा सायरन, लगाई गई एनाइडर डिवाइस

पीलीभीत: वन्यजीव की आसपास हुई मौजूदगी तो बज उठेगा सायरन, लगाई गई एनाइडर डिवाइस

पीलीभीत, अमृत विचार। जनपद में बढ़ते मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने की दिशा में वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया ने पहल की है। इसको लेकर जनपद के दो गांवों में एनाइडर डिवाइस लगाई गई हैं। फिलहाल अभी इन डिवाइसों को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लगाया गया है। सकारात्मक परिणाम आने के बाद इसे अन्य इलाकों में भी लागू किया जाएगा।

पीलीभीत टाइगर रिजर्व की सीमा से सटे गांवों में मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं अकसर प्रकाश में आती रहती हैं। जंगल सीमा से सटे 70 ऐसे संवेदनशील गांव हैं, जहां बाघ संबंधी घटनाएं पूर्व में हो चुकी है। फिलहाल टाइगर रिजर्व प्रशासन सीमित संसाधनों और विभिन्न संस्थाओं के सहयोग से जागरुकता कार्यक्रमों के दम पर मानव-वन्यजीव संघर्ष पर अंकुश लगाने के प्रयास में जुटा हुआ है। मानव- वन्यजीव संघर्ष के लिहाज से संवेदनशील स्थानों पर वन महकमे के साथ वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया की टीम भी सक्रिय रहती है। इधर पीलीभीत टाइगर रिजर्व और सामाजिक वानिकी क्षेत्र में  वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया (डब्ल्यूटीआई) ने मानव-वन्यजीव संघर्ष कम करने की दिशा में एक खास पहल है। बुधवार को वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया की ओर से जनपद में मंडरिया एवं धनकुनी गांव में एक खास अलर्ट डिवाइस लगाई गई है। इसे एनाइडर (एनिमल इंट्रूजन डिटेक्शन एंड रिपेलेंट सिस्टम) कहा जाता है। वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया के प्रतिनिधि के मुताबिक सोलर पैनल पर आधारित यह डिवाइस सेंसर के जरिए कार्य करता है। इस डिवाइस से कुछ मीटर के दायरे में किसी भी जानवर या मानव के मूवमेंट होने पर सायरन बजेंगे व इसमें मौजूद लाइटें भी जल उठेगी। एनाडर अलार्मिंग सिस्टम के जरिए संकेत देगा, ताकि इससे लोग सचेत हो जाए। डब्ल्यूटीआई के डा.अभिषेक घोषाल, प्रोजेक्ट हेड डॉ. दिव्यदीप चटर्जी ने बताया कि अगर इस डिवाइस के परिणाम सकारात्मक रहते हैं तो इस अन्य संवेदनशील इलाकों में भी लगाया जाएगा। पीटीआर के डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह और सामाजिक वानिकी के डीएफओ भरत कुमार ने डब्ल्यूटीआई के इस कार्य की सराहना की है।

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